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Rajasthan Rising Summit: ‘अब यह लोग जूठे बर्तन धोएंगे…’ 1500 साल पुराने राजघराने ने बदली तस्‍वीर


Rajasthan News: राजस्‍थान की खास बात ये है कि वहां हालिया वर्षों में राजपूताना के अतीत-वैभव-गौरव को संरक्षित करने का हालिया वर्षों में उल्‍लेखनीय कार्य हुआ है. इसी कड़ी में राजस्थान में सोमवार को राइजिंग राजस्थान समिट आयोजित किया जा रहा है. इसको लेकर राजधानी जयपुर समेत पूरे राज्य में प्रशासन और शासन राजस्थान में ‘कम इन राजस्थान’ और ‘मेक इन राजस्थान’ के नारे पर काम कर रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट और इसमें राजस्थान ग्लोबल बिजनेस एक्सपो का उद्घाटन करने गए हैं.  
तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में 32 देश भाग लेंगे, जिसमें 17 ‘भागीदार देश’ होंगे. सम्मेलन में भाग लेने वाले देश के प्रमुख उद्योगपतियों में कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अग्रवाल, गौतम अडानी, आनंद महिंद्रा, संजीव पुरी, अजय एस. श्रीराम शामिल हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश सम्मेलन एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राज्य की औद्योगिक समृद्धि की आधारशिला है. 
इस कार्यक्रम को लेकर 1500 साल पुराने मेवाड़ घराने के वंशज लक्ष्यराज सिंह ने कहा,  “यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. मैं इस आयोजन को देखने वाला तीसरी पीढ़ी हूं. इसकी शुरुआत आलोचनाओं के साथ हुई थी, लोग कहते थे कि अब यह लोग जूठे बर्तन धोएंगे. लेकिन आज हर गली के अंदर लोगों में जुझारूपन, कर्मठता और एक उत्साह देखने को मिल रहा है. खासतौर पर उद्योग और हॉस्पिटैलिटी सेग्मेंट के अंदर लोगों की रुचि बढ़ी है.”
उन्होंने आगे कहा, “दादा जी की जो सोच थी कि अपनी विरासतों को होटलों के रूप में बदला जाए, इससे उदयपुर को विश्व के पटल पर पहचान मिली. हमें गर्व है कि राजस्थान का यह शहर एशिया में प्रथम स्थान पर आता है. इसने एक पहचान बनाई है. इसने अपनी संस्कृति को देश और दुनिया में फैलाया है, जिसको देखने के लिए सैलानी और पर्यटक हमारे प्रदेश में आते हैं.
गौरतलब है कि उदयपुर राजघराना पिछले दिनों चर्चा में आया था. उदयपुर के सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर लक्ष्‍यराज सिंह और उनके चचेरे भाई के बीच विवाद हुआ था. पुलिस को हस्‍तक्षेप करना पड़ा था.
तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में 32 देश भाग लेंगे, जिसमें 17 ‘भागीदार देश’ होंगे. सम्मेलन में भाग लेने वाले देश के प्रमुख उद्योगपतियों में कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अग्रवाल, गौतम अडानी, आनंद महिंद्रा, संजीव पुरी, अजय एस. श्रीराम शामिल हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश सम्मेलन एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राज्य की औद्योगिक समृद्धि की आधारशिला है. 
इस कार्यक्रम को लेकर 1500 साल पुराने मेवाड़ घराने के वंशज लक्ष्यराज सिंह ने कहा,  “यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. मैं इस आयोजन को देखने वाला तीसरी पीढ़ी हूं. इसकी शुरुआत आलोचनाओं के साथ हुई थी, लोग कहते थे कि अब यह लोग जूठे बर्तन धोएंगे. लेकिन आज हर गली के अंदर लोगों में जुझारूपन, कर्मठता और एक उत्साह देखने को मिल रहा है. खासतौर पर उद्योग और हॉस्पिटैलिटी सेग्मेंट के अंदर लोगों की रुचि बढ़ी है.”
उन्होंने आगे कहा, “दादा जी की जो सोच थी कि अपनी विरासतों को होटलों के रूप में बदला जाए, इससे उदयपुर को विश्व के पटल पर पहचान मिली. हमें गर्व है कि राजस्थान का यह शहर एशिया में प्रथम स्थान पर आता है. इसने एक पहचान बनाई है. इसने अपनी संस्कृति को देश और दुनिया में फैलाया है, जिसको देखने के लिए सैलानी और पर्यटक हमारे प्रदेश में आते हैं.
गौरतलब है कि उदयपुर राजघराना पिछले दिनों चर्चा में आया था. उदयपुर के सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर लक्ष्‍यराज सिंह और उनके चचेरे भाई के बीच विवाद हुआ था. पुलिस को हस्‍तक्षेप करना पड़ा था.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश सम्मेलन एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राज्य की औद्योगिक समृद्धि की आधारशिला है. 
इस कार्यक्रम को लेकर 1500 साल पुराने मेवाड़ घराने के वंशज लक्ष्यराज सिंह ने कहा,  “यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. मैं इस आयोजन को देखने वाला तीसरी पीढ़ी हूं. इसकी शुरुआत आलोचनाओं के साथ हुई थी, लोग कहते थे कि अब यह लोग जूठे बर्तन धोएंगे. लेकिन आज हर गली के अंदर लोगों में जुझारूपन, कर्मठता और एक उत्साह देखने को मिल रहा है. खासतौर पर उद्योग और हॉस्पिटैलिटी सेग्मेंट के अंदर लोगों की रुचि बढ़ी है.”
उन्होंने आगे कहा, “दादा जी की जो सोच थी कि अपनी विरासतों को होटलों के रूप में बदला जाए, इससे उदयपुर को विश्व के पटल पर पहचान मिली. हमें गर्व है कि राजस्थान का यह शहर एशिया में प्रथम स्थान पर आता है. इसने एक पहचान बनाई है. इसने अपनी संस्कृति को देश और दुनिया में फैलाया है, जिसको देखने के लिए सैलानी और पर्यटक हमारे प्रदेश में आते हैं.
गौरतलब है कि उदयपुर राजघराना पिछले दिनों चर्चा में आया था. उदयपुर के सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर लक्ष्‍यराज सिंह और उनके चचेरे भाई के बीच विवाद हुआ था. पुलिस को हस्‍तक्षेप करना पड़ा था.
इस कार्यक्रम को लेकर 1500 साल पुराने मेवाड़ घराने के वंशज लक्ष्यराज सिंह ने कहा,  “यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. मैं इस आयोजन को देखने वाला तीसरी पीढ़ी हूं. इसकी शुरुआत आलोचनाओं के साथ हुई थी, लोग कहते थे कि अब यह लोग जूठे बर्तन धोएंगे. लेकिन आज हर गली के अंदर लोगों में जुझारूपन, कर्मठता और एक उत्साह देखने को मिल रहा है. खासतौर पर उद्योग और हॉस्पिटैलिटी सेग्मेंट के अंदर लोगों की रुचि बढ़ी है.”
उन्होंने आगे कहा, “दादा जी की जो सोच थी कि अपनी विरासतों को होटलों के रूप में बदला जाए, इससे उदयपुर को विश्व के पटल पर पहचान मिली. हमें गर्व है कि राजस्थान का यह शहर एशिया में प्रथम स्थान पर आता है. इसने एक पहचान बनाई है. इसने अपनी संस्कृति को देश और दुनिया में फैलाया है, जिसको देखने के लिए सैलानी और पर्यटक हमारे प्रदेश में आते हैं.
गौरतलब है कि उदयपुर राजघराना पिछले दिनों चर्चा में आया था. उदयपुर के सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर लक्ष्‍यराज सिंह और उनके चचेरे भाई के बीच विवाद हुआ था. पुलिस को हस्‍तक्षेप करना पड़ा था.
उन्होंने आगे कहा, “दादा जी की जो सोच थी कि अपनी विरासतों को होटलों के रूप में बदला जाए, इससे उदयपुर को विश्व के पटल पर पहचान मिली. हमें गर्व है कि राजस्थान का यह शहर एशिया में प्रथम स्थान पर आता है. इसने एक पहचान बनाई है. इसने अपनी संस्कृति को देश और दुनिया में फैलाया है, जिसको देखने के लिए सैलानी और पर्यटक हमारे प्रदेश में आते हैं.
गौरतलब है कि उदयपुर राजघराना पिछले दिनों चर्चा में आया था. उदयपुर के सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर लक्ष्‍यराज सिंह और उनके चचेरे भाई के बीच विवाद हुआ था. पुलिस को हस्‍तक्षेप करना पड़ा था.
गौरतलब है कि उदयपुर राजघराना पिछले दिनों चर्चा में आया था. उदयपुर के सिटी पैलेस में प्रवेश को लेकर लक्ष्‍यराज सिंह और उनके चचेरे भाई के बीच विवाद हुआ था. पुलिस को हस्‍तक्षेप करना पड़ा था.

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