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Telangana Tunnel Accident: नगरकुरनूल सुरंग से आई बुरी खबर बचाव टीम को मिला शव


Telangana Tunnel Accident: 22 फरवरी को तेलंगाना के नगरकुरनूल में हुए सुरंग हादसे में बड़ी अपडेट है. श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) की आंशिक रूप से ध्वस्त सुरंग में फंसे आठ लोगों को बाहर निकालने का अभियान 16वें दिन भी जारी है. राहत एवं बचाव टीम को सुरंग के अंदर एक शव मिला है. ये शव मशीन में फंसा हुआ है, बचाव दल शव को निकालने के लिए मशीन को काट रहा है. बता दें कि सुरंग ढहने की वजह से 8 मजदूर फंसे हुए हैं. 
खोजी कुत्तों का प्रयोग
बता दें कि केरल से आए शवों की तलाश करने वाले कुत्तों ने मलबे के नीचे मानव उपस्थिति के लिए संभावित स्थान की पहचान की. विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों ने 14 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंतिम हिस्से में दुर्घटना स्थल से लगभग 100 मीटर दूर डी-2 बिंदु पर मानव उपस्थिति की पहचान की. बचाव कर्मी पहचाने गए स्थान पर सावधानीपूर्वक गाद निकाल रहे थे. लापता मनुष्यों और मानव शवों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित दो कुत्तों को तीन दिन पहले केरल से एक विशेष हेलीकॉप्टर द्वारा लाया गया था. 
लगा सकते हैं पता
अधिकारियों के अनुसार, बेल्जियन मालिनोइस नस्ल के ये कुत्ते 15 फीट की गहराई से भी गंध का पता लगा सकते हैं. 22 फरवरी को खुदाई के दौरान सुरंग की छत का एक हिस्सा ढह जाने के बाद से श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना सुरंग में आठ लोग फंसे हुए हैं. झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले चार मजदूर, दो इंजीनियर और दो मशीन ऑपरेटर फंस गए। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना, नौसेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां ​​​​उनका पता लगाने के प्रयास कर रही हैं.
 तैनात किए हैं रोबोट
अधिकारियों ने शनिवार को सुरंग में बचाव कार्यों के लिए रोबोट तैनात किए, जैसा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने 2 मार्च को सुरंग के दौरे के दौरान सुझाव दिया था. सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए रोबोटिक तकनीक की तैनाती की घोषणा की. परिस्थितियों का आकलन करने और निकासी में सहायता के लिए कैमरे, इंफ्रारेड सेंसर और रोबोटिक भुजाओं से लैस रोबोट तैनात किए गए हैं. बचाव अभियान में शामिल एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा करने वाले मंत्री ने कहा कि बचाव दल 13.95 किलोमीटर तक आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन ऑक्सीजन की कमी, पानी के रिसाव और ढह गई टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) से धातु के मलबे के कारण अंतिम 50 मीटर अभी भी अत्यधिक अस्थिर है.
तैनात किए गए हैं कर्मचारी
सुरंग में पानी निकालने और गाद निकालने का काम जारी है. मंत्री ने कहा कि सरकार ने वैश्विक सुरंग विशेषज्ञों से परामर्श किया है और 525 कर्मियों को तैनात किया है, जिससे कोई वित्तीय बाधा न आए, रोबोटिक सिस्टम के लिए 4 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उत्तम कुमार रेड्डी ने सभी शामिल लोगों के अथक प्रयासों की सराहना की और फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों को पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने प्रगति का आकलन करने के लिए दो से तीन दिनों में वापस आने का वादा किया, उन्होंने पुष्टि की कि बचाव अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी श्रमिकों को निकाल नहीं लिया जाता. (आईएएनएस)
खोजी कुत्तों का प्रयोग
बता दें कि केरल से आए शवों की तलाश करने वाले कुत्तों ने मलबे के नीचे मानव उपस्थिति के लिए संभावित स्थान की पहचान की. विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों ने 14 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंतिम हिस्से में दुर्घटना स्थल से लगभग 100 मीटर दूर डी-2 बिंदु पर मानव उपस्थिति की पहचान की. बचाव कर्मी पहचाने गए स्थान पर सावधानीपूर्वक गाद निकाल रहे थे. लापता मनुष्यों और मानव शवों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित दो कुत्तों को तीन दिन पहले केरल से एक विशेष हेलीकॉप्टर द्वारा लाया गया था. 
लगा सकते हैं पता
अधिकारियों के अनुसार, बेल्जियन मालिनोइस नस्ल के ये कुत्ते 15 फीट की गहराई से भी गंध का पता लगा सकते हैं. 22 फरवरी को खुदाई के दौरान सुरंग की छत का एक हिस्सा ढह जाने के बाद से श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना सुरंग में आठ लोग फंसे हुए हैं. झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले चार मजदूर, दो इंजीनियर और दो मशीन ऑपरेटर फंस गए। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना, नौसेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां ​​​​उनका पता लगाने के प्रयास कर रही हैं.
 तैनात किए हैं रोबोट
अधिकारियों ने शनिवार को सुरंग में बचाव कार्यों के लिए रोबोट तैनात किए, जैसा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने 2 मार्च को सुरंग के दौरे के दौरान सुझाव दिया था. सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए रोबोटिक तकनीक की तैनाती की घोषणा की. परिस्थितियों का आकलन करने और निकासी में सहायता के लिए कैमरे, इंफ्रारेड सेंसर और रोबोटिक भुजाओं से लैस रोबोट तैनात किए गए हैं. बचाव अभियान में शामिल एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा करने वाले मंत्री ने कहा कि बचाव दल 13.95 किलोमीटर तक आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन ऑक्सीजन की कमी, पानी के रिसाव और ढह गई टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) से धातु के मलबे के कारण अंतिम 50 मीटर अभी भी अत्यधिक अस्थिर है.
तैनात किए गए हैं कर्मचारी
सुरंग में पानी निकालने और गाद निकालने का काम जारी है. मंत्री ने कहा कि सरकार ने वैश्विक सुरंग विशेषज्ञों से परामर्श किया है और 525 कर्मियों को तैनात किया है, जिससे कोई वित्तीय बाधा न आए, रोबोटिक सिस्टम के लिए 4 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उत्तम कुमार रेड्डी ने सभी शामिल लोगों के अथक प्रयासों की सराहना की और फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों को पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने प्रगति का आकलन करने के लिए दो से तीन दिनों में वापस आने का वादा किया, उन्होंने पुष्टि की कि बचाव अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी श्रमिकों को निकाल नहीं लिया जाता. (आईएएनएस)
लगा सकते हैं पता
अधिकारियों के अनुसार, बेल्जियन मालिनोइस नस्ल के ये कुत्ते 15 फीट की गहराई से भी गंध का पता लगा सकते हैं. 22 फरवरी को खुदाई के दौरान सुरंग की छत का एक हिस्सा ढह जाने के बाद से श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना सुरंग में आठ लोग फंसे हुए हैं. झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले चार मजदूर, दो इंजीनियर और दो मशीन ऑपरेटर फंस गए। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना, नौसेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां ​​​​उनका पता लगाने के प्रयास कर रही हैं.
 तैनात किए हैं रोबोट
अधिकारियों ने शनिवार को सुरंग में बचाव कार्यों के लिए रोबोट तैनात किए, जैसा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने 2 मार्च को सुरंग के दौरे के दौरान सुझाव दिया था. सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए रोबोटिक तकनीक की तैनाती की घोषणा की. परिस्थितियों का आकलन करने और निकासी में सहायता के लिए कैमरे, इंफ्रारेड सेंसर और रोबोटिक भुजाओं से लैस रोबोट तैनात किए गए हैं. बचाव अभियान में शामिल एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा करने वाले मंत्री ने कहा कि बचाव दल 13.95 किलोमीटर तक आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन ऑक्सीजन की कमी, पानी के रिसाव और ढह गई टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) से धातु के मलबे के कारण अंतिम 50 मीटर अभी भी अत्यधिक अस्थिर है.
तैनात किए गए हैं कर्मचारी
सुरंग में पानी निकालने और गाद निकालने का काम जारी है. मंत्री ने कहा कि सरकार ने वैश्विक सुरंग विशेषज्ञों से परामर्श किया है और 525 कर्मियों को तैनात किया है, जिससे कोई वित्तीय बाधा न आए, रोबोटिक सिस्टम के लिए 4 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उत्तम कुमार रेड्डी ने सभी शामिल लोगों के अथक प्रयासों की सराहना की और फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों को पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने प्रगति का आकलन करने के लिए दो से तीन दिनों में वापस आने का वादा किया, उन्होंने पुष्टि की कि बचाव अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी श्रमिकों को निकाल नहीं लिया जाता. (आईएएनएस)
तैनात किए हैं रोबोट
अधिकारियों ने शनिवार को सुरंग में बचाव कार्यों के लिए रोबोट तैनात किए, जैसा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने 2 मार्च को सुरंग के दौरे के दौरान सुझाव दिया था. सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए रोबोटिक तकनीक की तैनाती की घोषणा की. परिस्थितियों का आकलन करने और निकासी में सहायता के लिए कैमरे, इंफ्रारेड सेंसर और रोबोटिक भुजाओं से लैस रोबोट तैनात किए गए हैं. बचाव अभियान में शामिल एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा करने वाले मंत्री ने कहा कि बचाव दल 13.95 किलोमीटर तक आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन ऑक्सीजन की कमी, पानी के रिसाव और ढह गई टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) से धातु के मलबे के कारण अंतिम 50 मीटर अभी भी अत्यधिक अस्थिर है.
तैनात किए गए हैं कर्मचारी
सुरंग में पानी निकालने और गाद निकालने का काम जारी है. मंत्री ने कहा कि सरकार ने वैश्विक सुरंग विशेषज्ञों से परामर्श किया है और 525 कर्मियों को तैनात किया है, जिससे कोई वित्तीय बाधा न आए, रोबोटिक सिस्टम के लिए 4 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उत्तम कुमार रेड्डी ने सभी शामिल लोगों के अथक प्रयासों की सराहना की और फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों को पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने प्रगति का आकलन करने के लिए दो से तीन दिनों में वापस आने का वादा किया, उन्होंने पुष्टि की कि बचाव अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी श्रमिकों को निकाल नहीं लिया जाता. (आईएएनएस)
तैनात किए गए हैं कर्मचारी
सुरंग में पानी निकालने और गाद निकालने का काम जारी है. मंत्री ने कहा कि सरकार ने वैश्विक सुरंग विशेषज्ञों से परामर्श किया है और 525 कर्मियों को तैनात किया है, जिससे कोई वित्तीय बाधा न आए, रोबोटिक सिस्टम के लिए 4 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उत्तम कुमार रेड्डी ने सभी शामिल लोगों के अथक प्रयासों की सराहना की और फंसे हुए श्रमिकों के परिवारों को पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने प्रगति का आकलन करने के लिए दो से तीन दिनों में वापस आने का वादा किया, उन्होंने पुष्टि की कि बचाव अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी श्रमिकों को निकाल नहीं लिया जाता. (आईएएनएस)

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