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Thane News: गहरी नींद में सो रहे मजदूर की दर्दनाक मौत ड्राइवर ने देखा नहीं… और रोड रोलर से कुचल दिया


Thane News: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. इस हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. भिवंडी शहर में एक निर्माण स्थल पर काम करने वाले 25 साल के मजदूर प्रकाश कुमार लड्डू महंतो की मौत एक ‘रोड रोलर’ से कुचलने के कारण हो गई. यह हादसा मंगलवार को दोपहर करीब 2 बजे का है. प्रकाश कुमार दोपहर खाना खाने के बाद थकान मिटाने के लिए रोड रोलर के पास सो गया था. लेकिन यह नींद उनकी जिंदगी की आखिरी साबित हुई.
कैसे हुआ हादसा?
प्रकाशकुमार एक निर्माण स्थल पर काम कर रहा था. खाना खाने के बाद वह निर्माण स्थल पर खड़े रोड रोलर के पास जमीन पर सो गया. ड्राइवर ने रोड रोलर चलाने से पहले यह देखने की जहमत नहीं उठाई कि आसपास कोई है या नहीं. जैसे ही उसने रोड रोलर स्टार्ट किया और चलाना शुरू किया.. प्रकाश कुमार उसके पहियों के नीचे कुचला गया. यह हादसा इतना भयानक था कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
ड्राइवर की लापरवाही और पुलिस का ऐक्शन
इस हादसे के बाद कोनगांव पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रकाशकुमार के सहकर्मी की शिकायत पर पुलिस ने रोड रोलर चला रहे ड्राइवर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है. हालांकि, अभी तक ड्राइवर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रकाश कुमार अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. वह बिहार से रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र आया था और भिवंडी में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. उसकी मौत ने उसके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है. प्रकाश कुमार की पत्नी, बच्चे और माता-पिता अब इस हादसे के बाद बेसहारा हो गए हैं.
निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
कैसे हुआ हादसा?
प्रकाशकुमार एक निर्माण स्थल पर काम कर रहा था. खाना खाने के बाद वह निर्माण स्थल पर खड़े रोड रोलर के पास जमीन पर सो गया. ड्राइवर ने रोड रोलर चलाने से पहले यह देखने की जहमत नहीं उठाई कि आसपास कोई है या नहीं. जैसे ही उसने रोड रोलर स्टार्ट किया और चलाना शुरू किया.. प्रकाश कुमार उसके पहियों के नीचे कुचला गया. यह हादसा इतना भयानक था कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
ड्राइवर की लापरवाही और पुलिस का ऐक्शन
इस हादसे के बाद कोनगांव पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रकाशकुमार के सहकर्मी की शिकायत पर पुलिस ने रोड रोलर चला रहे ड्राइवर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है. हालांकि, अभी तक ड्राइवर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रकाश कुमार अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. वह बिहार से रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र आया था और भिवंडी में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. उसकी मौत ने उसके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है. प्रकाश कुमार की पत्नी, बच्चे और माता-पिता अब इस हादसे के बाद बेसहारा हो गए हैं.
निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
प्रकाशकुमार एक निर्माण स्थल पर काम कर रहा था. खाना खाने के बाद वह निर्माण स्थल पर खड़े रोड रोलर के पास जमीन पर सो गया. ड्राइवर ने रोड रोलर चलाने से पहले यह देखने की जहमत नहीं उठाई कि आसपास कोई है या नहीं. जैसे ही उसने रोड रोलर स्टार्ट किया और चलाना शुरू किया.. प्रकाश कुमार उसके पहियों के नीचे कुचला गया. यह हादसा इतना भयानक था कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
ड्राइवर की लापरवाही और पुलिस का ऐक्शन
इस हादसे के बाद कोनगांव पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रकाशकुमार के सहकर्मी की शिकायत पर पुलिस ने रोड रोलर चला रहे ड्राइवर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है. हालांकि, अभी तक ड्राइवर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रकाश कुमार अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. वह बिहार से रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र आया था और भिवंडी में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. उसकी मौत ने उसके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है. प्रकाश कुमार की पत्नी, बच्चे और माता-पिता अब इस हादसे के बाद बेसहारा हो गए हैं.
निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
ड्राइवर की लापरवाही और पुलिस का ऐक्शन
इस हादसे के बाद कोनगांव पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रकाशकुमार के सहकर्मी की शिकायत पर पुलिस ने रोड रोलर चला रहे ड्राइवर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है. हालांकि, अभी तक ड्राइवर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रकाश कुमार अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. वह बिहार से रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र आया था और भिवंडी में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. उसकी मौत ने उसके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है. प्रकाश कुमार की पत्नी, बच्चे और माता-पिता अब इस हादसे के बाद बेसहारा हो गए हैं.
निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
इस हादसे के बाद कोनगांव पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रकाशकुमार के सहकर्मी की शिकायत पर पुलिस ने रोड रोलर चला रहे ड्राइवर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है. हालांकि, अभी तक ड्राइवर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रकाश कुमार अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. वह बिहार से रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र आया था और भिवंडी में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. उसकी मौत ने उसके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है. प्रकाश कुमार की पत्नी, बच्चे और माता-पिता अब इस हादसे के बाद बेसहारा हो गए हैं.
निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रकाश कुमार अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. वह बिहार से रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र आया था और भिवंडी में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. उसकी मौत ने उसके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है. प्रकाश कुमार की पत्नी, बच्चे और माता-पिता अब इस हादसे के बाद बेसहारा हो गए हैं.
निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
प्रकाश कुमार अपने परिवार का एकमात्र सहारा था. वह बिहार से रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र आया था और भिवंडी में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था. उसकी मौत ने उसके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है. प्रकाश कुमार की पत्नी, बच्चे और माता-पिता अब इस हादसे के बाद बेसहारा हो गए हैं.
निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
इस हादसे ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है. इन जगहों पर भारी मशीनें और वाहन चलते हैं. वहां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लेकिन इस मामले में सुरक्षा के बुनियादी उपायों की कमी साफ दिखाई देती है. न तो ड्राइवर ने वाहन चलाने से पहले सतर्कता बरती और न ही निर्माण स्थल पर मजदूरों के आराम के लिए सुरक्षित जगह की व्यवस्था की गई.
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
इस हादसे ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मजदूरों की सुरक्षा के लिए कानून तो हैं, लेकिन उनका पालन शायद ही कभी होता है. सरकार को चाहिए कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करे. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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