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Video: खरगे ने पीएम मोदी का जिक्रकर गडकरी को घेरा मंत्री ने चैलेंज देकर कर दी बोलती बंद


Mallikarjun Kharge On Nitin Gadkari: राज्यसभा में बुधवार को एक अलग नजारा ही देखने को मिला, जब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खूब तारीफ की और पीएम मोदी के नाम और पीएम ऑफिस के बहाने नितिन गडकरी पर आरोप भी लगाए. जिसके जवाब में गडकरी ने खुला चैलेंज देते हुए सभी सवालों के जवाब दिए और कांग्रेस अध्यक्ष के कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ संबंधों में तनाव को भी उजागर कर दिया.
सबसे पहले देखें वीडियो:-

नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने राज्यसभा में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए फंड्स के संबंध में सवाल पूछा और कई सारे आरोप भी लगाकर केंद्रीय मंत्री गडकरी को घेरने की कोशिश की. खरगे ने कहा ‘मैंने मंत्री और पीएम मोदी को कई सारे पत्र लिखे हैं जो कभी तीन महीने तो कभी छह महीने में भेजे हैं. लेकिन गुलबर्गा से बेंगलुरु,सोलापुर से बेंगलुरु, विदर्भ से गुलबर्गा के हाइवे से हमें कोई कनेक्टिविटी नहीं मिली. 
हाइवे के नंबर के लिए जाना पड़ता है पीएम कार्यालय
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये भी कहा कि मुझे ऐसा सुनने को मिला है कि हाइवे के नंबर तय करने के लिए प्रधानमंत्री के पास जाना पड़ रहा है. अगर यह गलत है तो ठीक है. आप हमें बताएं… आप बॉन्ड सहित विभिन्न माध्यमों से धन जुटा रहे हैं और यह आपके अपने प्रयासों के कारण है. आपका दिमाग तेज है और अगर वे धन नहीं देते हैं तो आप रास्ता निकाल लेते हैं.” उन्होंने कहा, “अब आप पीएम की सराहना कर रहे हैं, जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी क्योंकि आप सारा काम करते हैं, लेकिन सारा श्रेय पीएम को जाता है.” हालांकि, गडकरी ने प्रशंसा के झांसे में आने से इनकार कर दिया.
नितिन गडकरी ने क्या दिया जवाब?
उन्होंने कहा, “मैं खड़गे जी को बताना चाहता हूं कि एनएच को नंबर देने के लिए कोई फाइल पीएम के पास नहीं जाती. पीएम ने मुझे (इस काम के लिए) नियुक्त किया है और मैं दिए गए आदेश के अनुसार काम करता हूं. मुझे कोई परेशानी नहीं होती.” मंत्री ने इस बात से भी इनकार किया कि फंड की कमी एक बाधा है, जबकि उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंजूरी की कमी, राज्य सरकारों द्वारा भूमि अधिग्रहण में विफलता और अदालती मामले राजमार्ग निर्माण में बाधाएँ हैं. गडकरी ने कहा, “आपके मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस बात से सहमत हैं कि पहले से कहीं ज़्यादा काम हुआ है. आप उनसे पूछ सकते हैं, हालाँकि मुझे नहीं पता कि आपने उनके साथ चर्चा की है या नहीं.” उन्होंने खड़गे के अपने पार्टी सहयोगियों सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार, उनके गृह राज्य कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ बहुत सहज समीकरण नहीं होने की अटकलों पर चुटकी ली.
नितिन गडकरी ने दिया चैलेंज
उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक राज्य बनने के बाद से जितना काम हुआ है, उससे कई गुना ज्यादा काम 2014 में हमारी सरकार आने के बाद हुआ है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि इस सदन में कोई कह दे कि मैंने उनका काम नहीं किया है. तभी तो मैं डंके की चोट पर फंड की बात करता हूं. गडकरी ने खरगे से कहा कि  एक बार आप मुझे बुला लीजिए और रोड का नाम बताइए. इससे पहले आप मुझे एजेंडा भिजवा दीजिएगा. इसके साथ उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता से कहा कि आपका जितना काम है, वो करके दूंगा. नितिन गडकरी ने सूरत से सोलापुर और अहमदनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई होते कन्याकुमारी तक प्रस्तावित नए मार्ग से340 किलोमीटर दूरी कम होने की जानकारी दी और कहा कि आपका (मल्लिकार्जुन खड़गे का) जो क्षेत्र है, वो भी उसे कनेक्ट हो रहा है और उसका काम शुरू है. उन्होंने ये भी कहा कि कर्नाटक में अधिकतम मामले जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण क्लीयरेंस के फंसे हुए हैं. सिराडीगाड का 10 साल से फंसा हुआ है.
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नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने राज्यसभा में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए फंड्स के संबंध में सवाल पूछा और कई सारे आरोप भी लगाकर केंद्रीय मंत्री गडकरी को घेरने की कोशिश की. खरगे ने कहा ‘मैंने मंत्री और पीएम मोदी को कई सारे पत्र लिखे हैं जो कभी तीन महीने तो कभी छह महीने में भेजे हैं. लेकिन गुलबर्गा से बेंगलुरु,सोलापुर से बेंगलुरु, विदर्भ से गुलबर्गा के हाइवे से हमें कोई कनेक्टिविटी नहीं मिली. 
हाइवे के नंबर के लिए जाना पड़ता है पीएम कार्यालय
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये भी कहा कि मुझे ऐसा सुनने को मिला है कि हाइवे के नंबर तय करने के लिए प्रधानमंत्री के पास जाना पड़ रहा है. अगर यह गलत है तो ठीक है. आप हमें बताएं… आप बॉन्ड सहित विभिन्न माध्यमों से धन जुटा रहे हैं और यह आपके अपने प्रयासों के कारण है. आपका दिमाग तेज है और अगर वे धन नहीं देते हैं तो आप रास्ता निकाल लेते हैं.” उन्होंने कहा, “अब आप पीएम की सराहना कर रहे हैं, जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी क्योंकि आप सारा काम करते हैं, लेकिन सारा श्रेय पीएम को जाता है.” हालांकि, गडकरी ने प्रशंसा के झांसे में आने से इनकार कर दिया.
नितिन गडकरी ने क्या दिया जवाब?
उन्होंने कहा, “मैं खड़गे जी को बताना चाहता हूं कि एनएच को नंबर देने के लिए कोई फाइल पीएम के पास नहीं जाती. पीएम ने मुझे (इस काम के लिए) नियुक्त किया है और मैं दिए गए आदेश के अनुसार काम करता हूं. मुझे कोई परेशानी नहीं होती.” मंत्री ने इस बात से भी इनकार किया कि फंड की कमी एक बाधा है, जबकि उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंजूरी की कमी, राज्य सरकारों द्वारा भूमि अधिग्रहण में विफलता और अदालती मामले राजमार्ग निर्माण में बाधाएँ हैं. गडकरी ने कहा, “आपके मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस बात से सहमत हैं कि पहले से कहीं ज़्यादा काम हुआ है. आप उनसे पूछ सकते हैं, हालाँकि मुझे नहीं पता कि आपने उनके साथ चर्चा की है या नहीं.” उन्होंने खड़गे के अपने पार्टी सहयोगियों सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार, उनके गृह राज्य कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ बहुत सहज समीकरण नहीं होने की अटकलों पर चुटकी ली.
नितिन गडकरी ने दिया चैलेंज
उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक राज्य बनने के बाद से जितना काम हुआ है, उससे कई गुना ज्यादा काम 2014 में हमारी सरकार आने के बाद हुआ है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि इस सदन में कोई कह दे कि मैंने उनका काम नहीं किया है. तभी तो मैं डंके की चोट पर फंड की बात करता हूं. गडकरी ने खरगे से कहा कि  एक बार आप मुझे बुला लीजिए और रोड का नाम बताइए. इससे पहले आप मुझे एजेंडा भिजवा दीजिएगा. इसके साथ उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता से कहा कि आपका जितना काम है, वो करके दूंगा. नितिन गडकरी ने सूरत से सोलापुर और अहमदनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई होते कन्याकुमारी तक प्रस्तावित नए मार्ग से340 किलोमीटर दूरी कम होने की जानकारी दी और कहा कि आपका (मल्लिकार्जुन खड़गे का) जो क्षेत्र है, वो भी उसे कनेक्ट हो रहा है और उसका काम शुरू है. उन्होंने ये भी कहा कि कर्नाटक में अधिकतम मामले जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण क्लीयरेंस के फंसे हुए हैं. सिराडीगाड का 10 साल से फंसा हुआ है.
नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने राज्यसभा में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए फंड्स के संबंध में सवाल पूछा और कई सारे आरोप भी लगाकर केंद्रीय मंत्री गडकरी को घेरने की कोशिश की. खरगे ने कहा ‘मैंने मंत्री और पीएम मोदी को कई सारे पत्र लिखे हैं जो कभी तीन महीने तो कभी छह महीने में भेजे हैं. लेकिन गुलबर्गा से बेंगलुरु,सोलापुर से बेंगलुरु, विदर्भ से गुलबर्गा के हाइवे से हमें कोई कनेक्टिविटी नहीं मिली. 
हाइवे के नंबर के लिए जाना पड़ता है पीएम कार्यालय
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये भी कहा कि मुझे ऐसा सुनने को मिला है कि हाइवे के नंबर तय करने के लिए प्रधानमंत्री के पास जाना पड़ रहा है. अगर यह गलत है तो ठीक है. आप हमें बताएं… आप बॉन्ड सहित विभिन्न माध्यमों से धन जुटा रहे हैं और यह आपके अपने प्रयासों के कारण है. आपका दिमाग तेज है और अगर वे धन नहीं देते हैं तो आप रास्ता निकाल लेते हैं.” उन्होंने कहा, “अब आप पीएम की सराहना कर रहे हैं, जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी क्योंकि आप सारा काम करते हैं, लेकिन सारा श्रेय पीएम को जाता है.” हालांकि, गडकरी ने प्रशंसा के झांसे में आने से इनकार कर दिया.
नितिन गडकरी ने क्या दिया जवाब?
उन्होंने कहा, “मैं खड़गे जी को बताना चाहता हूं कि एनएच को नंबर देने के लिए कोई फाइल पीएम के पास नहीं जाती. पीएम ने मुझे (इस काम के लिए) नियुक्त किया है और मैं दिए गए आदेश के अनुसार काम करता हूं. मुझे कोई परेशानी नहीं होती.” मंत्री ने इस बात से भी इनकार किया कि फंड की कमी एक बाधा है, जबकि उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंजूरी की कमी, राज्य सरकारों द्वारा भूमि अधिग्रहण में विफलता और अदालती मामले राजमार्ग निर्माण में बाधाएँ हैं. गडकरी ने कहा, “आपके मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस बात से सहमत हैं कि पहले से कहीं ज़्यादा काम हुआ है. आप उनसे पूछ सकते हैं, हालाँकि मुझे नहीं पता कि आपने उनके साथ चर्चा की है या नहीं.” उन्होंने खड़गे के अपने पार्टी सहयोगियों सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार, उनके गृह राज्य कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ बहुत सहज समीकरण नहीं होने की अटकलों पर चुटकी ली.
नितिन गडकरी ने दिया चैलेंज
उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक राज्य बनने के बाद से जितना काम हुआ है, उससे कई गुना ज्यादा काम 2014 में हमारी सरकार आने के बाद हुआ है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि इस सदन में कोई कह दे कि मैंने उनका काम नहीं किया है. तभी तो मैं डंके की चोट पर फंड की बात करता हूं. गडकरी ने खरगे से कहा कि  एक बार आप मुझे बुला लीजिए और रोड का नाम बताइए. इससे पहले आप मुझे एजेंडा भिजवा दीजिएगा. इसके साथ उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता से कहा कि आपका जितना काम है, वो करके दूंगा. नितिन गडकरी ने सूरत से सोलापुर और अहमदनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई होते कन्याकुमारी तक प्रस्तावित नए मार्ग से340 किलोमीटर दूरी कम होने की जानकारी दी और कहा कि आपका (मल्लिकार्जुन खड़गे का) जो क्षेत्र है, वो भी उसे कनेक्ट हो रहा है और उसका काम शुरू है. उन्होंने ये भी कहा कि कर्नाटक में अधिकतम मामले जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण क्लीयरेंस के फंसे हुए हैं. सिराडीगाड का 10 साल से फंसा हुआ है.
हाइवे के नंबर के लिए जाना पड़ता है पीएम कार्यालय
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये भी कहा कि मुझे ऐसा सुनने को मिला है कि हाइवे के नंबर तय करने के लिए प्रधानमंत्री के पास जाना पड़ रहा है. अगर यह गलत है तो ठीक है. आप हमें बताएं… आप बॉन्ड सहित विभिन्न माध्यमों से धन जुटा रहे हैं और यह आपके अपने प्रयासों के कारण है. आपका दिमाग तेज है और अगर वे धन नहीं देते हैं तो आप रास्ता निकाल लेते हैं.” उन्होंने कहा, “अब आप पीएम की सराहना कर रहे हैं, जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी क्योंकि आप सारा काम करते हैं, लेकिन सारा श्रेय पीएम को जाता है.” हालांकि, गडकरी ने प्रशंसा के झांसे में आने से इनकार कर दिया.
नितिन गडकरी ने क्या दिया जवाब?
उन्होंने कहा, “मैं खड़गे जी को बताना चाहता हूं कि एनएच को नंबर देने के लिए कोई फाइल पीएम के पास नहीं जाती. पीएम ने मुझे (इस काम के लिए) नियुक्त किया है और मैं दिए गए आदेश के अनुसार काम करता हूं. मुझे कोई परेशानी नहीं होती.” मंत्री ने इस बात से भी इनकार किया कि फंड की कमी एक बाधा है, जबकि उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंजूरी की कमी, राज्य सरकारों द्वारा भूमि अधिग्रहण में विफलता और अदालती मामले राजमार्ग निर्माण में बाधाएँ हैं. गडकरी ने कहा, “आपके मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस बात से सहमत हैं कि पहले से कहीं ज़्यादा काम हुआ है. आप उनसे पूछ सकते हैं, हालाँकि मुझे नहीं पता कि आपने उनके साथ चर्चा की है या नहीं.” उन्होंने खड़गे के अपने पार्टी सहयोगियों सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार, उनके गृह राज्य कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ बहुत सहज समीकरण नहीं होने की अटकलों पर चुटकी ली.
नितिन गडकरी ने दिया चैलेंज
उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक राज्य बनने के बाद से जितना काम हुआ है, उससे कई गुना ज्यादा काम 2014 में हमारी सरकार आने के बाद हुआ है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि इस सदन में कोई कह दे कि मैंने उनका काम नहीं किया है. तभी तो मैं डंके की चोट पर फंड की बात करता हूं. गडकरी ने खरगे से कहा कि  एक बार आप मुझे बुला लीजिए और रोड का नाम बताइए. इससे पहले आप मुझे एजेंडा भिजवा दीजिएगा. इसके साथ उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता से कहा कि आपका जितना काम है, वो करके दूंगा. नितिन गडकरी ने सूरत से सोलापुर और अहमदनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई होते कन्याकुमारी तक प्रस्तावित नए मार्ग से340 किलोमीटर दूरी कम होने की जानकारी दी और कहा कि आपका (मल्लिकार्जुन खड़गे का) जो क्षेत्र है, वो भी उसे कनेक्ट हो रहा है और उसका काम शुरू है. उन्होंने ये भी कहा कि कर्नाटक में अधिकतम मामले जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण क्लीयरेंस के फंसे हुए हैं. सिराडीगाड का 10 साल से फंसा हुआ है.
नितिन गडकरी ने क्या दिया जवाब?
उन्होंने कहा, “मैं खड़गे जी को बताना चाहता हूं कि एनएच को नंबर देने के लिए कोई फाइल पीएम के पास नहीं जाती. पीएम ने मुझे (इस काम के लिए) नियुक्त किया है और मैं दिए गए आदेश के अनुसार काम करता हूं. मुझे कोई परेशानी नहीं होती.” मंत्री ने इस बात से भी इनकार किया कि फंड की कमी एक बाधा है, जबकि उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंजूरी की कमी, राज्य सरकारों द्वारा भूमि अधिग्रहण में विफलता और अदालती मामले राजमार्ग निर्माण में बाधाएँ हैं. गडकरी ने कहा, “आपके मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस बात से सहमत हैं कि पहले से कहीं ज़्यादा काम हुआ है. आप उनसे पूछ सकते हैं, हालाँकि मुझे नहीं पता कि आपने उनके साथ चर्चा की है या नहीं.” उन्होंने खड़गे के अपने पार्टी सहयोगियों सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार, उनके गृह राज्य कर्नाटक के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ बहुत सहज समीकरण नहीं होने की अटकलों पर चुटकी ली.
नितिन गडकरी ने दिया चैलेंज
उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक राज्य बनने के बाद से जितना काम हुआ है, उससे कई गुना ज्यादा काम 2014 में हमारी सरकार आने के बाद हुआ है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि इस सदन में कोई कह दे कि मैंने उनका काम नहीं किया है. तभी तो मैं डंके की चोट पर फंड की बात करता हूं. गडकरी ने खरगे से कहा कि  एक बार आप मुझे बुला लीजिए और रोड का नाम बताइए. इससे पहले आप मुझे एजेंडा भिजवा दीजिएगा. इसके साथ उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता से कहा कि आपका जितना काम है, वो करके दूंगा. नितिन गडकरी ने सूरत से सोलापुर और अहमदनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई होते कन्याकुमारी तक प्रस्तावित नए मार्ग से340 किलोमीटर दूरी कम होने की जानकारी दी और कहा कि आपका (मल्लिकार्जुन खड़गे का) जो क्षेत्र है, वो भी उसे कनेक्ट हो रहा है और उसका काम शुरू है. उन्होंने ये भी कहा कि कर्नाटक में अधिकतम मामले जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण क्लीयरेंस के फंसे हुए हैं. सिराडीगाड का 10 साल से फंसा हुआ है.
नितिन गडकरी ने दिया चैलेंज
उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक राज्य बनने के बाद से जितना काम हुआ है, उससे कई गुना ज्यादा काम 2014 में हमारी सरकार आने के बाद हुआ है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि इस सदन में कोई कह दे कि मैंने उनका काम नहीं किया है. तभी तो मैं डंके की चोट पर फंड की बात करता हूं. गडकरी ने खरगे से कहा कि  एक बार आप मुझे बुला लीजिए और रोड का नाम बताइए. इससे पहले आप मुझे एजेंडा भिजवा दीजिएगा. इसके साथ उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता से कहा कि आपका जितना काम है, वो करके दूंगा. नितिन गडकरी ने सूरत से सोलापुर और अहमदनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई होते कन्याकुमारी तक प्रस्तावित नए मार्ग से340 किलोमीटर दूरी कम होने की जानकारी दी और कहा कि आपका (मल्लिकार्जुन खड़गे का) जो क्षेत्र है, वो भी उसे कनेक्ट हो रहा है और उसका काम शुरू है. उन्होंने ये भी कहा कि कर्नाटक में अधिकतम मामले जमीन अधिग्रहण और पर्यावरण क्लीयरेंस के फंसे हुए हैं. सिराडीगाड का 10 साल से फंसा हुआ है.

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