AIMPLB protest against Waqf Amendment Bill 2025 News: देश की कई संपत्तियों पर अवैध रूप से कब्जा करके बैठे वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए मोदी सरकार की ओर से लाए जा रहे वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) अब खुलकर उतर आया है. उसने इस विधेयक के खिलाफ 17 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महा धरना देने का ऐलान किया है. मुस्लिम बोर्ड का दावा है कि इस धरने में कई मजहबी सामुदायिक संगठन भी भाग लेंगे.
‘न्यायप्रिय नागरिक और संगठन होंगे शामिल’
AIMPLB ने बयान जारी करके कहा, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगा. इस प्रदर्शन में देशभर के न्यायप्रिय नागरिक और संगठन शामिल होंगे और मोदी सरकार की मंशा के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे.
बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी की ओर से जारी बयान में दावा किया कि उन्होंने संशोधन के बारे में अपनी आपत्तियों और चिंताओं को प्रस्तुत करने की कोशिश की. इन संशोधनों के खिलाफ विभिन्न विरोध प्रदर्शन आयोजित किए लेकिन मुस्लिम समुदाय की वैध चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है.
‘मुस्लिम वोट हासिल करके भी नहीं सुन रहे’
उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने के अपने एजेंडे पर कायम है. संगठन ने किसी एक पार्टी का नाम लिए बिना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अन्य सहयोगियों की भी आलोचना की. संगठन ने कहा, “यह बेहद अफसोस की बात है कि एनडीए के सहयोगी दल, जो धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय होने का दावा करते हैं. वे पर्याप्त मुस्लिम वोट प्राप्त करने के बावजूद भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं.”
बोर्ड ने बयान में साफ किया कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक को समुदाय पर सीधा हमला मानता है. भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए बोर्ड ने दावा किया कि पार्टी की रणनीति फूट डालो-राज करो और ध्रुवीकरण की है. हालांकि, इसके सहयोगी दलों को यह तय करना होगा कि वे इस विभाजनकारी एजेंडे के साथ किस हद तक जुड़ना चाहते हैं.
जमीयत उलेमा 13 मार्च को करेगी प्रदर्शन
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
‘न्यायप्रिय नागरिक और संगठन होंगे शामिल’
AIMPLB ने बयान जारी करके कहा, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगा. इस प्रदर्शन में देशभर के न्यायप्रिय नागरिक और संगठन शामिल होंगे और मोदी सरकार की मंशा के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे.
बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी की ओर से जारी बयान में दावा किया कि उन्होंने संशोधन के बारे में अपनी आपत्तियों और चिंताओं को प्रस्तुत करने की कोशिश की. इन संशोधनों के खिलाफ विभिन्न विरोध प्रदर्शन आयोजित किए लेकिन मुस्लिम समुदाय की वैध चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है.
‘मुस्लिम वोट हासिल करके भी नहीं सुन रहे’
उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने के अपने एजेंडे पर कायम है. संगठन ने किसी एक पार्टी का नाम लिए बिना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अन्य सहयोगियों की भी आलोचना की. संगठन ने कहा, “यह बेहद अफसोस की बात है कि एनडीए के सहयोगी दल, जो धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय होने का दावा करते हैं. वे पर्याप्त मुस्लिम वोट प्राप्त करने के बावजूद भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं.”
बोर्ड ने बयान में साफ किया कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक को समुदाय पर सीधा हमला मानता है. भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए बोर्ड ने दावा किया कि पार्टी की रणनीति फूट डालो-राज करो और ध्रुवीकरण की है. हालांकि, इसके सहयोगी दलों को यह तय करना होगा कि वे इस विभाजनकारी एजेंडे के साथ किस हद तक जुड़ना चाहते हैं.
जमीयत उलेमा 13 मार्च को करेगी प्रदर्शन
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
AIMPLB ने बयान जारी करके कहा, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगा. इस प्रदर्शन में देशभर के न्यायप्रिय नागरिक और संगठन शामिल होंगे और मोदी सरकार की मंशा के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे.
बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी की ओर से जारी बयान में दावा किया कि उन्होंने संशोधन के बारे में अपनी आपत्तियों और चिंताओं को प्रस्तुत करने की कोशिश की. इन संशोधनों के खिलाफ विभिन्न विरोध प्रदर्शन आयोजित किए लेकिन मुस्लिम समुदाय की वैध चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है.
‘मुस्लिम वोट हासिल करके भी नहीं सुन रहे’
उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने के अपने एजेंडे पर कायम है. संगठन ने किसी एक पार्टी का नाम लिए बिना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अन्य सहयोगियों की भी आलोचना की. संगठन ने कहा, “यह बेहद अफसोस की बात है कि एनडीए के सहयोगी दल, जो धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय होने का दावा करते हैं. वे पर्याप्त मुस्लिम वोट प्राप्त करने के बावजूद भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं.”
बोर्ड ने बयान में साफ किया कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक को समुदाय पर सीधा हमला मानता है. भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए बोर्ड ने दावा किया कि पार्टी की रणनीति फूट डालो-राज करो और ध्रुवीकरण की है. हालांकि, इसके सहयोगी दलों को यह तय करना होगा कि वे इस विभाजनकारी एजेंडे के साथ किस हद तक जुड़ना चाहते हैं.
जमीयत उलेमा 13 मार्च को करेगी प्रदर्शन
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी की ओर से जारी बयान में दावा किया कि उन्होंने संशोधन के बारे में अपनी आपत्तियों और चिंताओं को प्रस्तुत करने की कोशिश की. इन संशोधनों के खिलाफ विभिन्न विरोध प्रदर्शन आयोजित किए लेकिन मुस्लिम समुदाय की वैध चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है.
‘मुस्लिम वोट हासिल करके भी नहीं सुन रहे’
उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने के अपने एजेंडे पर कायम है. संगठन ने किसी एक पार्टी का नाम लिए बिना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अन्य सहयोगियों की भी आलोचना की. संगठन ने कहा, “यह बेहद अफसोस की बात है कि एनडीए के सहयोगी दल, जो धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय होने का दावा करते हैं. वे पर्याप्त मुस्लिम वोट प्राप्त करने के बावजूद भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं.”
बोर्ड ने बयान में साफ किया कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक को समुदाय पर सीधा हमला मानता है. भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए बोर्ड ने दावा किया कि पार्टी की रणनीति फूट डालो-राज करो और ध्रुवीकरण की है. हालांकि, इसके सहयोगी दलों को यह तय करना होगा कि वे इस विभाजनकारी एजेंडे के साथ किस हद तक जुड़ना चाहते हैं.
जमीयत उलेमा 13 मार्च को करेगी प्रदर्शन
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
‘मुस्लिम वोट हासिल करके भी नहीं सुन रहे’
उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने के अपने एजेंडे पर कायम है. संगठन ने किसी एक पार्टी का नाम लिए बिना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अन्य सहयोगियों की भी आलोचना की. संगठन ने कहा, “यह बेहद अफसोस की बात है कि एनडीए के सहयोगी दल, जो धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय होने का दावा करते हैं. वे पर्याप्त मुस्लिम वोट प्राप्त करने के बावजूद भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं.”
बोर्ड ने बयान में साफ किया कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक को समुदाय पर सीधा हमला मानता है. भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए बोर्ड ने दावा किया कि पार्टी की रणनीति फूट डालो-राज करो और ध्रुवीकरण की है. हालांकि, इसके सहयोगी दलों को यह तय करना होगा कि वे इस विभाजनकारी एजेंडे के साथ किस हद तक जुड़ना चाहते हैं.
जमीयत उलेमा 13 मार्च को करेगी प्रदर्शन
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने के अपने एजेंडे पर कायम है. संगठन ने किसी एक पार्टी का नाम लिए बिना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अन्य सहयोगियों की भी आलोचना की. संगठन ने कहा, “यह बेहद अफसोस की बात है कि एनडीए के सहयोगी दल, जो धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय होने का दावा करते हैं. वे पर्याप्त मुस्लिम वोट प्राप्त करने के बावजूद भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं.”
बोर्ड ने बयान में साफ किया कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक को समुदाय पर सीधा हमला मानता है. भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए बोर्ड ने दावा किया कि पार्टी की रणनीति फूट डालो-राज करो और ध्रुवीकरण की है. हालांकि, इसके सहयोगी दलों को यह तय करना होगा कि वे इस विभाजनकारी एजेंडे के साथ किस हद तक जुड़ना चाहते हैं.
जमीयत उलेमा 13 मार्च को करेगी प्रदर्शन
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
बोर्ड ने बयान में साफ किया कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन विधेयक को समुदाय पर सीधा हमला मानता है. भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए बोर्ड ने दावा किया कि पार्टी की रणनीति फूट डालो-राज करो और ध्रुवीकरण की है. हालांकि, इसके सहयोगी दलों को यह तय करना होगा कि वे इस विभाजनकारी एजेंडे के साथ किस हद तक जुड़ना चाहते हैं.
जमीयत उलेमा 13 मार्च को करेगी प्रदर्शन
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
जमीयत उलेमा 13 मार्च को करेगी प्रदर्शन
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
बताते चलें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पहले जमीयत उलेमा ए हिंद भी इसी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर चुकी है. उसका प्रदर्शन छोटी होली यानी 13 मार्च को सभी जिलों में होगा. वहीं अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी इस जंग में कूद चुका है. संगठन ने 17 मार्च को जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. उसे उम्मीद है कि राजनीतिक दल नींद से जाग जाएंगे और विधेयकों पर जानबूझकर आपत्तियां उठाएंगे.
(एजेंसी ANI)
(एजेंसी ANI)
