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अग्निवीर योजना: ‘4 साल की जगह 10 साल…’ पूर्व नौसेना प्रमुख अरुण प्रकाश का सुझाव

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अग्निवीर योजना क्या है?

अग्निवीर योजना भारतीय सेना में भर्ती के लिए एक नई पहल है, जिसे जून 2022 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इस योजना के तहत चुने जाने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाता है, जिन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा देने का अवसर मिलता है। इन चार वर्षों के बाद, केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी रूप से सेना में रखा जाता है, जबकि बाकी 75 प्रतिशत को सेवा से मुक्त कर दिया जाता है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य सेना की प्रोफाइल को युवा और ऊर्जावान बनाए रखना है।

विपक्ष का तर्क

हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य सेनाओं की युवा प्रोफाइल को सक्षम करना है, विपक्ष और कुछ लोगों का मानना है कि इस योजना का असली उद्देश्य बढ़ती पेंशन लागत को बचाना है। विपक्ष लगातार इस योजना पर हमलावर है और इसे सैनिकों के लिए उचित नहीं मानता है। कुछ विशेषज्ञों ने भी इसे लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं।

पूर्व नौसेना प्रमुख का सुझाव

इंडियन नेवी के पूर्व एडमिरल अरुण प्रकाश ने अग्निवीर योजना को लेकर कुछ आवश्यक सुझाव दिए हैं। उनका मानना है कि अग्निवीर योजना में सेवा की अवधि को चार साल से बढ़ाकर 10 साल कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि चार साल की सेवा अवधि सैनिकों की युद्ध क्षमता को कमजोर कर सकती है, क्योंकि सैनिकों को पर्याप्त अनुभव और कौशल हासिल करने के लिए अधिक वक्त की जरूरत होती है।

सेना के लिए फिट, लेकिन अन्य बलों के लिए नहीं

पिछले महीने प्रकाशित एक लेख में अरुण प्रकाश ने लिखा था कि अग्निवीर योजना अपने वर्तमान स्वरूप में केवल भारतीय सेना के लिए ही उपयुक्त है। नौसेना और वायुसेना के मामलों में, नए भर्ती सैनिकों को घातक हथियार प्रणालियों और जटिल मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालन का पर्याप्त अनुभव प्राप्त करने के लिए कम से कम 5-6 वर्षों की जरूरत होती है।

कम ट्रेनिंग अवधि का प्रभाव

प्रकाश ने बताया कि यदि सेना को और अधिक बुद्धिमान और चतुर लोग मिलते हैं, तो ट्रेनिंग अवधि को घटाकर 3-4 साल किया जा सकता है। लेकिन उनका मानना है कि सैनिकों को प्रशिक्षित करने के बाद उन्हें कुछ और वर्षों तक सेवा में रखा जाना चाहिए। उनका सुझाव है कि अग्निवीरों का सेवा अवधि बढ़ाकर 7-8 साल या यहाँ तक कि 10 साल तक करनी चाहिए।

लंबी सेवा अवधि के फायदे

अरुण प्रकाश के अनुसार, लम्बी सेवा अवधि से उन सैनिकों का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा और सेना की युद्ध क्षमता भी बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि एक बार प्रशिक्षित होने के बाद, अग्निवीर अपने काम को अच्छी तरह से जान जाता है और उसका अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।

पेंशन मुद्दा

प्रकाश का सुझाव है कि सैनिकों की सेवा अवधि बढ़ाने से पेंशन देने की ज़रूरत भी नहीं होगी। इससे सरकार वित्तीय बचत भी कर पाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ऐसे प्रशिक्षित और सक्षम सैनिकों का उपयोग कर उन्हें अच्छी तरह तैयार कर सकती है, और फिर कुछ वर्षों बाद उन्हें जाने दे सकती है, बिना पेंशन का झंझट के।

योजना पर व्यापक विवाद

अग्निवीर योजना को लेकर एक तरफ जहां केंद्र सरकार इसे सैन्य सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम मान रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष और कई विशेषज्ञ इसके खिलाफ तर्क दे रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि अग्निवीर योजना केवल पेंशन लागत को बचाने के लिए लाई गई है, और इसके चलते सैनिकों की स्थिति कमजोर हो सकती है।

अग्निवीर योजना से संबंधित सुझाव

प्रकाश का यह मानना है कि सेनाओं को लंबी अवधि की सेवा देने वाले सैनिकों की आवश्यकता होती है, जो अपनी युद्ध कौशल को सुधार सकें और देश की सुरक्षा को मजबूत बना सकें। उन्होंने सेना को यह सुझाव दिया कि उन्हें अपने प्रशिक्षित सैनिकों का उपयोग करने के लिए लंबी सेवा अवधि पर विचार करना चाहिए, जिससे अग्निवीर न केवल सैनिक के रूप में बल्कि एक अधिनायक के रूप में भी मजबूती प्राप्त कर सकें।

निष्कर्ष

अग्निवीर योजना का उद्देशय सेना को सक्षम बनाना और युवा प्रोफाइल को बनाए रखना है, लेकिन इसे लेकर विवाद कम नहीं हो रहे हैं। नौसेना के पूर्व एडमिरल अरुण प्रकाश के सुझाव योजना के बारे में नई दिशा की ओर इशारा करते हैं, जिससे योजना की प्रभावशीलता और सेना की युद्ध क्षमता दोनों पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। चाहे योजना की अवधि को बढ़ाना हो या ट्रेनिंग अवधि को, यह स्पष्ट है कि योजना को सुधारना आवश्यक हो सकता है। इससे न केवल सेना को युवा और ऊर्जावान बनाए रखा जा सकेगा, बल्कि सुरक्षा और युद्ध क्षमता को भी मजबूत किया जा सकेगा।

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