विनायक चतुर्थी का महत्व
भारतीय संस्कृति में विनायक चतुर्थी का अपना खास स्थान है। महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को यह व्रत सम्पूर्ण भारतवर्ष में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। गणेश जी, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, उनकी आराधना इस दिन विशेष महत्व रखती है।
अप्रैल 2024 की विनायक चतुर्थी
2024 में अप्रैल माह की विनायक चतुर्थी विशेष रूप से 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन सुबह सूर्योदय के समय तिथि उपस्थित रहेगी, जो भक्तों के लिए पूजन का अत्यंत शुभ समय होता है। 11 अप्रैल की दोपहर से शुरू होकर यह तिथि 12 अप्रैल की दोपहर तक रहेगी।
विनायक चतुर्थी की पूजा-विधि
भक्तगण सूर्योदय से पहले उठकर स्वयं को शुद्ध करते हैं और इसके लिए गंगाजल मिले पानी से स्नान करना चाहिए। पूजा स्थान को भी गंगाजल से पवित्र किया जाता है। चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा विराजित की जाती है, और फिर सुगंधित पुष्प, दूर्वा घास, मोदक आदि से उनकी आराधना की जाती है। मंत्रोच्चारण और गणेश चालीसा का पाठ भी पूजा का हिस्सा होता है।
विघ्न नाशक मंत्र
पूजा में विशेष मंत्रों का जाप करने से मान्यता है कि सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं। गणपति बप्पा के बारह नामों का स्मरण करते हुए जो मंत्र सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता है, उसे प्रातःकाल पढ़ने से व्यक्ति के जीवन से समस्त विघ्नों का निवारण होता है, और वह व्यक्ति जगत में प्रतिष्ठित होता है।
समापन
इस प्रकार विनायक चतुर्थी का व्रत और पूजा भक्तजनों के लिए आध्यात्मिक संतृप्ति प्रदान करते हुए उनके जीवन से विघ्नों को दूर कर सुख-समृद्धि का मार्ग खोलते हैं। अप्रैल 2024 में जब आप विनायक चतुर्थी मनाएं, तो सच्चे मन से भगवान गणेश की भक्ति में लीन हो जाएं और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करें। उनकी कृपा से आपकी सभी समस्याएं सुलझ जाएंगी और आपका जीवन सुनहरा हो जाएगा।
गणपति बप्पा मोरया!