लंबी आयु की चाहत में गिराओ न ये क़दम
जीवन एक अनमोल उपहार है, और हर व्यक्ति विश्वास करता है कि वह एक दीर्घजीवी और स्वस्थ आयु प्राप्त करें। हमारे द्वारा अपनाई जा रही जीवनशैली इसमें एक महत्वपूर्ण योगदान देती है। आम भोजन, व्यायाम और नियमित रूप से ग्रंथों के पाठ के साथ, धार्मिक ग्रंथों में भी लंबा जीवन प्राप्त करने के उपाय बताए गए हैं। विशेषकर, हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से गरुड़ पुराण काफी महत्वपूर्ण है।
श्मशान के धुएं से रहे दूर
गरुड़ पुराण में एक विशेष निर्देश है कि श्मशान घाट में मृत देहों के दाह संस्कार के समय निकलने वाले धुएं से दूरी बनाई जानी चाहिए। यह धुंआ न केवल अप्रिय होता है, बल्कि उसमें मौजूद विषैले तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। इससे बचकर आप संभावित रोगों और संक्रमणों से अपनी रक्षा कर सकते हैं।
सुबह समय पर जागना जरूरी
ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही रही है। गरुड़ पुराण के अनुसार, यह समय सात्विकता, शांति और स्फूर्ति से भरा होता है। इस समय उठकर दैनिक क्रियाएं करने से न केवल आत्मा की शुद्धि होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है।
रात्रिकालीन आहार में संयम बरतें
खानपान का विशेष महत्व है; गरुड़ पुराण में यह स्पष्ट किया गया है कि रात्रि के समय में ठंडी तासीर वाले आहार जैसे दही का सेवन न करें। इससे शरीर में अनेक प्रकार के रोग जन्म लेते हैं, जो हमारी उम्र को प्रभावित कर सकते हैं।
सोने की दिशा का रखें ख्याल
सुखद नींद उत्तम स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। गरुड़ पुराण के अनुसार, सोने की दिशा का भी आयु पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। पश्चिम या दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से उम्र कम हो सकती है। वास्तु के अनुसार, सोने की सही दिशा कई बाधाओं को कम करती है और आयु को लंबा बनाती है।
नीतियों का पालन करें
जीवन में उचित मार्ग का अनुसरण करना भी अत्यंत आवश्यक है। गलत कर्मों से बचकर और सदाचार का पालन करके हम न केवल अपने कर्मों को पवित्र रख सकते हैं, बल्कि हमारी आयु में भी वृद्धि कर सकते हैं। गरुड़ पुराण यह सीख देता है कि हमें नैतिकता को उच्चतम स्थान देना चाहिए।
नोट: यहाँ दी गई सूचनाएँ मान्यताओं और पौराणिक ग्रंथों के आधार पर हैं। इनका वैज्ञानिक प्रमाणीकरण नहीं किया जा सकता है। हर व्यक्ति को अपनी समझ और विवेक का उपयोग कर लाभ उठाना चाहिए।