मौसम की मार से भगवान राम की रक्षा
सर्दी के बीतते ही जैसे ही तपन भरी गर्मियां अपना कदम रखती हैं, हम सब अपने वस्त्रागार में बदलाव की ओर अग्रसर होते हैं। बाजार हो या हमारे घर का चौखटा, ऋतु के अनुरूप वस्त्रों का चयन स्वाभाविक है। इसी परिवर्तनशील प्रकृति को आत्मसात करते हुए अयोध्या के पावन धरातल पर श्रीरामलला की पोशाकों में भी मौसमी बदलाव देखने को मिला है।
गर्मी का मौसम आते ही श्रीरामलला को अब सूती के शीतल वस्त्र पहनाने की परंपरा आरंभ हुई है। श्रीराम मंदिर में श्रीराम की मूर्ति को विशेष हाथ से बने वस्त्र धारण कराए गए हैं जो कि सूती मलमल से तैयार किए गए हैं। इन वस्त्रों को प्राकृतिक नीले रंग से रंगा गया है और सजावट के लिए गोट्टा के फूलों का उपयोग किया गया है।
परम्परा और आधुनिकता का संगम
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, वस्त्रों का यह परिवर्तन मौसम की गतिविधियों के अनुरूप है जिससे भगवान को गर्मी के प्रकोप से बचाया जा सके। ये वस्त्र न सिर्फ श्रीराम को आराम पहुंचाते हैं, बल्कि उनकी दिव्यता को और भी अधिक बढ़ाते हैं।
हर ऋतु के हिसाब से भगवान की पोशाक में बदलाव परंपरा का हिस्सा है। सर्दी में गर्म और गर्मी में ठंडे और आरामदेह कपड़े पहनाए जाते हैं ताकि मौसम के चरणों के अनुरूप प्रभु श्रीराम सजीव और प्रसन्नचित्त विराजमान रहें।
इस वर्ष अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद विराजमान रामलला की यह पहली गर्मी है। 22 जनवरी 2024 को 51 इंच की एक मूर्ति द्वारा बालक रूप में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी जो समस्त भक्तों के लिए धार्मिक आह्लाद का क्षण था।
श्रद्धा का समंदर
प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही श्रीरामलला के दर्शन करने हेतु श्रद्धालुओं की भीड़ निरंतर बढ़ रही है। दुनिया भर से हजारों भक्त अयोध्या के इस पावन प्राचीन धाम की ओर रुख कर रहे हैं। इससे मंदिर में आये दिन दान और भक्ति के नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं।
आगामी रामनवमी का उत्सव
विशेष रूप से, इस वर्ष रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार रामनवमी का उत्सव मनाया जाएगा। समीति की पूर्ण तैयारियों के साथ उत्सव को भव्यता के साथ संपन्न करने की योजना है। प्रशासन से लेकर मंदिर समिति तक सभी आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित करने में लगे हैं।
रामनवमी पर उमड़ने वाली भीड़ की संभावना के मद्देनजर, मंदिर समिति और प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए विशेष पानी और स्वच्छता संबंधित प्रबंध कर रहे हैं। भक्तों की सहूलियत और सेवा इस पावन अवसर पर हर सीमा को पार करती दिख रही है।
इस प्रकार अयोध्या में भगवान राम की भक्ति में लीन भक्तजनों की श्रद्धा और भगवान के वस्त्रों में आया यह बदलाव धर्म और आस्था की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है।