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ईद उल फितर 2024: जानें रमजान के महीने का समापन और ईद की भव्य तैयारियां

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पाक महीने रमजान का समापन और ईद उल फितर 2024 की तारीख

मुस्लिम समुदाय के लिए ईद उल फितर शुद्धिकरण और सामाजिक संगठन का प्रतीकात्मक पर्व है, जो कि रमजान के पाक और आत्मा को पवित्र कर देने वाले महीने के समाप्ति का उत्सव मनाता है। इस साल, ईद उल फितर का त्योहार अप्रैल महीने के 10 या 11 तारीख को मानाने की संभावना है। 11 मार्च से रमज़ान के रोज़े शुरू हो चुके हैं।

ईद की तारीख का निर्धारण

ईद की तारीख हमेशा चांद की दिखावे पर निर्भर करती है। शव्वाल के महीने का चांद दिखने के उपरांत ही ईद उल फितर का सटीक दिन तय होता है। चूंकि इस्लामिक कैलेंडर चंद्रमा के चक्रों पर आधारित है, यह गैर-निश्चितता एक विशेष रीतियों से परिपूर्ण होती है।

ईद उल फितर का महत्व

इतिहास गवाह है कि ईद की शुरुआत 624 ईसवी में हुई जब पैगंबर मुहम्मद ने इसे शुरू किया था। ऐसा माना जाता है कि यह वही समय था जब पैगंबर ने बद्र की लड़ाई जीती और उसी दिन से मीठी ईद का उत्सव मनाने का चलन शुरू हुआ। ईद उल फितर नमाज, हज, ईमान, रोज़ा और जकात जैसे इस्लाम के पांच स्तम्भों का पालन करने वाला एक मुख्य पर्व है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर नमाज अदा करते हैं, अपने घरों में स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं और विशेषकर सेवइयां तैयार की जाती हैं।

समाज में ईद उल फितर का योगदान

ईद का पर्व सिर्फ एक त्योहार नहीं है, यह एक समाजिक परिवर्तन का माध्यम भी है। इस दिन, लोग जरूरतमंदों की मदद करते हैं, सामाजिक भेदभाव को मिटाकर समानता और भाईचारे का संदेश फैलाते हैं।

ईद की तैयारियां

रमज़ान के महीने के बाद ईद उल फितर की तैयारियों में मुस्लिम समाज व्यस्त हो जाता है। बाजारों में रौनक देखने को मिलती है जहां लोग नए कपड़े और उपहार सामान खरीदते हैं। घरों में स्वादिष्ट पकवान, खासकर सेवइयों की खुशबू से मोहल्ले महक उठते हैं।

रमजान और ईद का सामाजिक और आध्यात्मिक प्रभाव

रमजान का पूरा महीना आत्म-नियंत्रण, धैर्य और धार्मिक आस्था में वृद्धि का होता है। ईद के दिन हर कोई अपने मानवीय गुण और अल्लाह के प्रति अपने प्यार को जाहिर करता है। रमज़ान के अंत का यह पर्व उस प्रेम और भाईचारे का उत्सव है जो मनुष्य के अंदर और उसके समाज में पनपता है।

ईद उल फितर मुस्लिम समाज के साथ-साथ दूसरे धर्मों की लोगों के लिए भी एक खुशी का मौका होता है, जहां सभी मिलकर इस पर्व को मनाने में शामिल होते हैं। यह उत्सव धार्मिक सीमाओं को पार कर एक सामाजिक एकता का प्रतीक बन जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए तैयारियों में लोग पहले से ही जुट जाते हैं, खरीदारी, खाना बनाने और घरों की सजावट से लेकर नेकी के काम करने तक, हर तरफ ईद की तैयारियों की धूम मची होती है। कुल मिलाकर, ईद उल फितर का यह त्योहार आपसी सौहार्द, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक सौजन्यता का अनुमोदन है, जो सभी के दिलों में प्रेम और समृद्धि का संदेश फैलाता है।

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