भारत में ईद उल फितर का जश्न
इस साल भारत में ईद उल फितर का त्योहार गुरुवार के दिन बड़े ही धूमधाम और पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह एक ऐसा त्योहार है, जो न केवल भारत बल्कि विश्वभर के मुस्लिम समुदाय द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने के लिए, मुस्लिम भाई-बहन एक दूसरे को गले लगाकर प्रेम और सद्भाव का संदेश देते हैं।
आज का दिन खासतौर पर समर्पित होता है शांति और अमन के लिए प्रार्थना करने के लिए। नमाज अदा करने के पश्चात् मुस्लिम समुदाय के लोग घर में मेहमानों के लिए मिष्टान्न तैयार करते हैं और अपनी शुभकामनाएं साझा करते हैं। इस अवसर पर खास तौर से सेवईयां और अन्य मिठाइयां बनाई जाती हैं।
शव्वाल का चांद और ईद की घोषणा
रमजान के पवित्र महीने के समापन पर, शव्वाल के महीने की पहली तारीख को ईद उल फितर का उत्सव मनाया जाता है। चांद देखे जाने के बाद ही ईद का संकेत मिलता है। इस वर्ष बुधवार की शाम को चांद देखे जाने के ऊपर, पूरे देशवासियों ने जाना कि गुरुवार को चारों ओर उत्सव की रौनक सजेगी। वहीं, शव्वाल का चांद जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एक दिन पहले ही दिखाई देने के कारण वहां एक दिन पहले ईद मनाई गई।
ईद उल फितर का ऐतिहासिक महत्व
इस्लाम धर्म के अनुयायी मानते हैं कि रमजान के महीने के आखिरी में पहली बार कुरान नाजिल हुई थी। मक्का से मदीना की ओर पैगम्बर मोहम्मद के हिजरत करने के बाद मदीना में इस खास दिन की शुरुआत हुई जब पैगंबर मोहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। उनकी इस जीत के जश्न में उन्होंने सबका मुंह मीठा किया और सभी ने मिलकर उन्हें गले लगाया। कहा जाता है कि इसी के साथ मीठी ईद यानी ईद उल फितर की परंपरा की शुरुआत हुई।
ईद उल फितर के जश्न की रीतियां
ईद के दिन सभी नियमित रूप से नमाज अदा करने के बाद विशेष प्रार्थनाएं करते हैं। नमाज के बाद, व्यक्ति दुनियाभर में अमन और शांति की कामना करता है। नमाज अदा करने के बाद, लोग एक दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई देने की प्रथा का अनुसरण करते हैं। बच्चों को उपहार दिया जाता है, जिसे ‘ईदी’ के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, सभी लोग मिठाईयां बाँटते हैं और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं। सेवइयां, शीर खुरमा, खीर जैसी पारंपरिक मिठाइयाँ इसे विशेष बनाती हैं।
इस त्योहार को मनाने की पूर्व संध्या पर बाजारों में हलचल बढ़ जाती है और तैयारियों का दौर शुरू हो जाता है। जीवंतता और उत्साह के इस पर्व को मनाते हुए, ईद का दिन न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। यह सूचना धार्मिक प्रसंगों और संबंधित परम्पराओं से जुड़ी हुई है और इसमें तथ्यात्मक त्रुटि होने की संभावना है।)