ज्योतिष विज्ञान और करियर का संबंध
हिंदू धर्म में ज्योतिष विज्ञान को बहुत महत्व दिया गया है। जन्म के समय बनी कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की चाल व्यक्ति के पूरे जीवन का मार्गदर्शन करती है। कुंडली द्वारा न सिर्फ व्यक्ति के विवाह, संतान सुख जैसी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जाता है, बल्कि करियर संबंधी सलाह भी दी जाती है। इसके अनुसार कुंडली में ग्रहों की स्थिति, उनका आपसी संयोग और राशियों में उनका बैठना व्यक्ति के करियर चुनाव पर गहरा प्रभाव डालता है।
करियर सफलता और ग्रहों की स्थिति
सब विद्यार्थी समान शिक्षा प्राप्त करते हुए भी, उनकी करियर सफलताएं अलग-अलग होती हैं। ज्योतिष के अनुसार, यह अंतर कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण होता है। ग्रहों का अलग-अलग योग व्यक्ति की रुचियों और चुने हुए करियर में सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।
कुंडली के दसवें भाव और करियर
ज्योतिषशास्त्र में कुंडली के दसवें भाव को कर्म भाव कहा जाता है और यहीं बैठे ग्रह व्यक्ति के प्रोफेशन के बारे में निर्णायक होते हैं। इसी भाव में बैठे ग्रह, व्यक्ति की रुचियों को बढ़ावा देने और उसे उसी दिशा में प्रवृत्त करने का काम करते हैं।
ग्रहों के अनुसार प्रोफेशन की संभावनाएं
कुंडली में सूर्य और मंगल का दसवें भाव में मजबूत होना, डॉक्टर बनने के प्रोफेशन को संकेत करता है। यदि चंद्रमा और शनि संयोग से मंगल के साथ होते हैं, तो मेडिकल फील्ड में सफलता की प्रबल संभावना होती है।
दसवें भाग में बुध और गुरु की मजबूती वाले व्यक्ति अध्यापक, पत्रकार या लेखक बन सकते हैं। तीसरे भाव में गुरु का प्रबल होना अध्यापक बनने का संकेत देता है, जबकि सातवें या दसवें स्थान में बुध का मजबूत होना मीडिया क्षेत्र में सफलता दिला सकता है।
दसवें स्थान में शुक्र और बुध साथ होने पर, व्यक्ति में कवित्व या संगीत में अभिरुचि होती है। वहीं मंगल और शुक्र के संयोग से रेसलिंग जैसे शारीरिक खेलों में सफलता मिलती है। दसवें भाग में मंगल और राहु का योग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ाता है और सूर्य-मंगल का संयोग भी इंजीनियर बनने की संभावना को स्ट्रोंग करता है।
डिस्क्लेमर और सुझाव
इन जानकारियों को सामान्य मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार समझा जाना चाहिए। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए आधुनिक विज्ञान और व्यक्तिगत विश्लेषण को भी महत्व दिया जाना चाहिए। इसलिए, ज्योतिषीय सलाह के लिए, संबंधित ज्योतिष विशेषज्ञ से संपर्क करें और अपने करियर संबंधी निर्णय लेते समय व्यक्तिगत रुचि और योग्यता को प्राथमिकता दें।
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