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कर्नाटक के रामनगर का नाम बदलने पर मचा बवाल! कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

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रामनगर का नाम बदलने की पहल और विवाद

कर्नाटक के रामनगर जिले (Ramanagara) का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने की चर्चा ने राज्य में सियासी हलचल को तूल दे दिया है। राज्य की कांग्रेस सरकार का यह प्रस्ताव भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के विरोध के बीच फंस गया है।

बीजेपी के आरोप: राम शब्द पर आपत्ति

इस मामले में सबसे पहले बीजेपी ने मोर्चा खोला। बीजेपी ने कर्नाटक सरकार के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार द्वारा रामनगर का नाम बदलने के फैसले को ‘राम विरोधी’ करार दिया है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सरकार सिर्फ इसलिए जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करना चाहती है क्योंकि इसमें ‘राम’ शब्द आता है।

शिवकुमार का पक्ष: बेंगलुरु की प्रतिष्ठा का लाभ

दूसरी तरफ, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का कहना है कि नाम बदलने का उद्देश्य बेंगलुरु की वैश्विक प्रतिष्ठा का फायदा रामनगर जिले और अन्य तालुकों (जैसे मगदी, कनकपुरा, चन्नपटना, और हरोहल्ली) के लोगों तक पहुंचाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को ज्ञापन सौंपकर जिले का नाम बदलने की मांग की है।

विरोधियों की प्रतिक्रिया: हिन्दू विरोधी एजेंडा

बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर हिन्दू-विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व हिन्दू भावनाओं का अपमान कर रही है और रामनगर का नाम सिर्फ इसलिए बदलना चाहती है क्योंकि उसमें ‘राम’ आता है। राहुल गांधी के राम जन्मभूमि आंदोलन को हराने के बयान का हवाला देते हुए पूनावाला ने कांग्रेस पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया।

स्वामी चक्रपाणि का बयान: कट्टर हिन्दुत्व की प्रतिक्रिया

स्वामी चक्रपाणि महाराज ने भी इस मुद्दे पर गहरा रोष जताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हिन्दुओं को बार-बार अपमानित कर रही है और रामनगर का नाम बदलने की साजिश इसी का हिस्सा है। उन्होंने यहाँ तक कहा कि अगर रामनगर का नाम बदला गया, तो 24 अकबर रोड (कांग्रेस पार्टी कार्यालय का पता) का नाम बदलकर 24 श्री राम रोड कर दिया जाएगा और कांग्रेस ऑफिस पर भगवा झंडा लहराया जाएगा।

सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया: निर्णय कैबिनेट का

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया जाएगा। डीके शिवकुमार के नेतृत्व में रामनगर जिले के नेताओं ने उनसे मुलाकात की और नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया। सिद्धारमैया ने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।

रियल एस्टेट के आरोप

केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे, निखिल कुमारस्वामी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे रियल एस्टेट माफियाओं के लिए स्वर्ग बनाने की साजिश करार दिया। उनका कहना है कि यह नाम परिवर्तन कुछ लोगों की तुष्टीकरण और निजी लाभ के लिए किया जा रहा है और इसके पीछे एक गहरा एजेंडा है।

कांग्रेस की रणनीति: उपचुनाव और चुनावी गणित

इस पूरे मामले पर कांग्रेस की नजर चन्नपटना विधानसभा उपचुनाव पर भी है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने इस क्षेत्र में अपना असर बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। 2007 में जब एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे, तब रामनगर जिले का गठन हुआ था। अब कांग्रेस इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटी है।

बीजेपी का विरोध

बीजेपी और जेडीएस का मानना है कि नाम बदलने का प्रस्ताव सिर्फ वोट बैंक की राजनीति और रियल एस्टेट माफियाओं के हित में है। बीजेपी के मुताबिक, इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं है और जिले के मूल निवासियों की पहचान को छीनने का प्रयास है।

अंत में क्या है निष्कर्ष?

रामनगर का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण करने के प्रस्ताव ने कर्नाटक की सियासत को गर्मा दिया है। एक तरफ इसे बेंगलुरु की वैश्विक प्रतिष्ठा का लाभ देने की कोशिश बताई जा रही है, तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां इसे हिन्दू विरोधी एजेंडा करार दे रही हैं। इस मुद्दे का नतीजा क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन सियासी बयानबाजी के बीच जनता की समस्याएं एक बार फिर पीछे छूटती नजर आ रही हैं।

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