खाटू श्याम मेला 2024 का भव्य आगाज
भक्ति और श्रद्धा की एक अद्भुत मिसाल पेश करने जा रहा है, श्री खाटू श्याम जी का प्रसिद्ध लक्खी मेला, जिसकी शुरुआत 12 मार्च 2024 को होगी। यह मेला फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष पर आधारित है और इस बार 21 मार्च 2024 तक चलेगा। इस दस दिन के महोत्सव में न सिर्फ देश भर से आने वाले लाखों भक्त अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इस मेले की धूम रहती है।
लक्खी मेले की अद्भुत मान्यता और महत्व
मान्यताओं के अनुसार, खाटू श्याम जी ऐसे देवता हैं जो कलयुग के अवतार माने जाते हैं। भक्तों का यह विश्वास है कि बाबा खाटू श्याम जी के दर पर पहुंचते ही उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। वे हारों के सहारे के रूप में प्रसिद्ध हैं अर्थात जो भी जीवन में विपदा में है, उसकी मदद करते हैं।
लक्खी मेले के पौराणिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इसका संबंध है संसार के सबसे बड़े युद्ध महाभारत से। कहा जाता है कि महाभारत के समय घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक युद्ध में भाग लेने निकले थे, उसी समय उनकी मुलाकात भगवान श्री कृष्ण से हुई। भक्तों का यह विश्वास है कि जिस किवदंती के चलते बर्बरीक खुद के शीश का दान कर दिए, उसी के साथ श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि वे कलयुग के देवता बनेंगे और ‘हारे के सहारे’ के रूप में पूजे जाएंगे।
लक्खी मेले की भव्य तैयारियाँ
राजस्थान के सीकर में लगने वाले इस लक्खी मेले की तैयारियों में स्थानीय प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन और मंदिर कमिटी भी शामिल है। उनका प्रयास रहता है कि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और वे अपनी श्रद्धा के साथ मेले में सहजता से भाग ले सकें।
मेले में आने वाली चुनौतियाँ और उनका समाधान
लक्खी मेले के दौरान आने वाले लाखों भक्तों के चलते सुरक्षा और संचालन को सुगम बनाना किसी चुनौती से कम नहीं होता। यहां पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवकों की टीमों को तैनात किया जाता है ताकि यातायात, भीड़ प्रबंधन, साफ-सफाई, चिकित्सा सुविधा आदि का ख्याल रखा जा सके।
खाटू श्याम जी के दर्शन का ऐतिहासिक महत्व
कहते हैं कि पांडवों के वंशज और शक्तिशाली योद्धा बर्बरीक ने अपने जीवन का विशेष बलिदान दिया था और उसी कारण से उन्हें ‘शीश के दानी’ और ‘खाटू श्याम बाबा’ के रूप में पूजा जाता है। यह मेला उनके प्रति अगाध भक्ति और सम्मान प्रकट करने का एक सार्वजनिक मंच प्रदान करता है।
अंततः, लक्खी मेले की शुरुआत के साथ ही लाखों भक्तों की आस्था का सागर उमड़ेगा और खाटू श्याम जी के भक्त एक बार फिर अपने आराध्य के दर्शन कर, उनसे आशीर्वाद और संरक्षण की प्रार्थना करेंगे।
सूचना: इस लेख में प्रस्तुत सभी तथ्य और मान्यताएं जनमान्य विश्वासों और पारंपरिक जानकारी के आधार पर हैं। इन्हें प्रमाणीकरण के स्वरूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हर वर्ष की भांति, इस वर्ष के मेले के लिए भी श्री खाटू श्याम मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक प्रबंधन और सुरक्षा की व्यवस्था का सजग ध्यान रखा जा रहा है। भक्तगण इस दिव्य अवसर पर अपनी श्रद्धा से महाउत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित हैं।