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खाटू श्याम लक्खी मेला 2024: भव्यता के साथ फिर उमड़ेगा भक्तों का जनसैलाब

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लोक आस्था का महत्वपूर्ण पर्व: खाटू श्याम लक्खी मेला

भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम, खाटू श्याम लक्खी मेला, इस वर्ष 2024 में एक नई भव्यता के साथ आयोजित किया जाने वाला है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर न केवल भारत बल्कि समस्त विश्व से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। कहते हैं कि जब कोई भक्त निश्चल मन से श्याम बाबा के दरबार में अर्जी लेकर आता है और निशान फूल चढ़ाता है, तो उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।

हर वर्ष फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में लगने वाला यह मेला, भक्ति और उल्लास का ऐसा चित्ताकर्षक उत्सव है, जिसका बेसब्री से इंतज़ार श्याम भक्तों द्वारा किया जाता है।

2024 में लक्खी मेला की शुभारम्भ तिथि

इस वर्ष, खाटू श्याम जी का लक्खी मेला 12 मार्च से आरम्भ होगा और 21 मार्च तक विशाल भक्तों की संख्या के साथ चलेगा। मेले के समाप्त होने तक लाखों की तादाद में श्रद्धालु मंदिर की पावन भूमि पर दर्शनार्थ और प्रार्थनाएं करने पहुंचेंगे। सीकर प्रशासन और राजस्थान पुलिस सहित मंदिर कमेटी पहले से ही भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के भरपूर इंतजाम में जुटी है।

लक्खी मेले का पौराणिक महत्व

किंवदंती है कि द्वापर युग में, महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक से उनके सिर का दान मांगा। निसंकोच बर्बरीक ने अपनी अनूपम दानशीलता दिखाते हुए शीश चढ़ा दिया और इस पर श्री कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलयुग में वह ‘हारे का सहारा’ के रूप में प्रतिष्ठित होंगे।

आज भी इसी परंपरा के अनुसार, खाटू श्याम बाबा के लक्खी मेले में भक्तों की आस्था और आदर्श समाहित है। यह मेला जितना पौराणिक है, उतना ही आधुनिक भी है, क्योंकि यहां आने वाले भक्त हर वर्ग और समुदाय से संबंधित होते हैं और भक्ति के सागर में गोता लगाने के लिए आते हैं।

मेले की भव्य तैयारियां

मेले के दौरान आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों, कला और संस्कृति के प्रदर्शन, और श्रद्धालुओं के लिए विविध प्रकार के आकर्षणों को देखते हुए, हर किसी का मन मोह लेने वाला होता है। सिर्फ भक्तों की ही नहीं, बल्कि पर्यटकों का भी खाटू श्याम बाबा के मेले में आने का शौक रहता है।

मेले में आयोजित विविध प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, भक्ति संगीत, और सामाजिक मेल-मिलाप सभी उम्र के लोगों के लिए एक अनूठा अनुभव पेश करते हैं। खाटू श्याम जी के भव्य दर्शन और मेले की भीड़-भाड़ में भी भक्तों की आस्था और भक्तिभाव को देखकर हर कोई अभिभूत हो उठता है।

निष्कर्ष

खाटू श्याम लक्खी मेला न सिर्फ राजस्थान की धरोहर है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था का एक जीवंत उदाहरण है। इस वर्ष के मेले में भी उम्मीदों और मनोकामनाओं की बातें हैं, जो खाटू श्याम जी के चरणों में समर्पित की जाएंगी और इन्हें पूर्ण करने का आशीर्वाद भक्तों को प्रदान किया जाएगा।

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