रमज़ान का पावन महीना
मुस्लिम समाज के लिए रमज़ान का महीना बेहद खास और सबसे पवित्र समय होता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, यह नौवां महीना है, जिसमें मुस्लिम बंधु सूर्योदय से पूर्व सहरी करने के बाद, सूर्यास्त तक कुछ भी आहार या पेय का सेवन नहीं करते हैं। ये पूरे दिन का उपवास होता है, जो उन्हें आत्म-संयम और ध्यान साधना में मदद देता है।
रमज़ान का महीना अल्लाह की इबादत, नमाज़ का पालन और ज़कात के रूप में दान देने जैसे धार्मिक कार्यों के लिए विशेष रूप से पालन किया जाता है। इसी के साथ, आत्म-परिष्करण और परोपकार के प्रति जागरूकता भी इस पाक महीने की महत्वपूर्ण शिक्षाओं में शामिल है।
रोज़ा और इसकी प्रक्रिया
सहरी को रोजेदार तारों की आखिरी चमक से पहले करते हैं, और इफ्तार सूर्यास्त के बाद शाम में होता है। इसके दौरान, पानी या अन्य कोई भोज्य पदार्थ ग्रहण न करने का संकल्प लिया जाता है। रमज़ान के आखिरी दिन पर ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाता है, जो शव्वाल महीने के आरंभ को दर्शाता है।
रमज़ान 2024: तारीख और समय
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, 11 मार्च, 2024 से रमज़ान के पाक महीने का आरंभ हो रहा है। पाकिस्तानी समय के एक दिन बाद, भारत में 12 मार्च 2024 से रमज़ान के महीने की शुरुआत प्रतीक्षित है। इस बार की खासियत यह है कि पिछले 34 वर्षों के बाद, मार्च महीने में रमज़ान की वापसी हो रही है, जिसे हम हल्की सर्दी और वसंत ऋतु के तौर पर जानते हैं।
पिछले कुछ दशकों से, रमज़ान गर्मी के समय पड़ रहा था जिसके कारण रोजेदारों को भीषण गर्मी में अपने रोज़ों का पालन करना पड़ रहा था। हालांकि, इस बार वसंत की सुहावनी हवा में रमज़ान की शुरुआत होने की संभावना है। इससे न सिर्फ रोजेदारों के लिए उपवास करना आसान होगा, बल्कि उन्हें अधिक सुकून और शांति भी प्रदान करेगा।
रमज़ान की महत्वता और निहितार्थ
रमज़ान का महत्व मात्र शारीरिक उपवास से कहीं ज्यादा है। यह महीना आत्म-सुधार, दानशीलता और पारस्परिक व्यवहार में सुधार जैसे मानवीय गुणों की मांग करता है। रमज़ान के दौरान, मुसलमानों को आत्म-नियंत्रण, सहनशीलता और सामाजिकता का परिचय देने का अवसर मिलता है। इस पाक महीने की शिक्षाओं का पालन करते हुए मुस्लिम भाइयों और बहनों का समाज में सर्वोच्च स्थान होता है।
अंत में, रमज़ान का यह महीना सभी के लिए शांति, सौहार्द और समृद्धि का संदेश लाता है। साथ ही, आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी यह महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस बार रमज़ान के महीने में भावी चुनौतियों और आरामदायक मौसम में उपवास करने के निहितार्थ भी बिल्कुल नए होंगे, जो रोजेदारों के लिए एक वरदान के रूप में होगा।
नोट: उपरोक्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है और इसकी वैज्ञानिक पुष्टि नहीं की गई है।