बसंत पंचमी की शुभ बेला
भारतीय संस्कृति में बसंत पंचमी 14 फरवरी का दिन एक विशेष महत्व को दर्शाता है। इस दिन माता सरस्वती, ज्ञान और बुद्धि की देवी की उपासना से संगीत, कला और विद्या का संवर्धन होता है। वैलेंटाइन डे के संगम के साथ यह दिन आधुनिक और पारंपरिकता के बीच एक सुंदर सेतु का काम करता है।
ज्योतिष विज्ञान की दृष्टिकोण
ज्योतिष विज्ञान में, ग्रहों के संयोग से इस बार दिव्य और अद्वितीय पंच योग बन रहे हैं, जिससे बसंत पंचमी का दिन और भी विशेष हो जाएगा।
रेवती और अश्वनी नक्षत्र का मेल
रेवती और अश्वनी नक्षत्र के साथ मिलन से बसंत पंचमी का योग बनता है। इस दिन, मकर राशि में शनि की स्थिति में शुक्र, और शुक्र के साथ मंगल और बुध का संयोग त्रिग्रही योग का सृजन करेगा। मेष राशि में गजकेसरी योग का आरंभ होगा जब चंद्रमा और गुरु एक साथ आएंगे।
धनशक्ति और लक्ष्मी नारायण राजयोग
मकर राशि में मंगल और शुक्र का मेल धनशक्ति राजयोग बनाएगा, और शुक्र व बुध का साथ लक्ष्मी नारायण राजयोग की स्थापना करेगा।
मंगल ग्रह की उच्च राशि और पंचमहापुरुष योग
मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि में प्रवेश करेगा, जिससे रूचक योग बनेगा, जिसे पंचमहापुरुष योगों में से एक माना जाता है। इन सभी योगों का संयोजन इस बसंत पंचमी को बहुत शुभ और शक्तिशाली बनाता है।
राशियों पर प्रभाव
इन दिव्य योगों का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग होगा। कुछ राशियां ऐसी हैं जिनके लिए यह समय सोने की तरह होगा, और इनका भाग्य चमकेगा।
मेष राशि पर दिव्य पंच योग का प्रभाव
मेष राशि के जातकों के लिए यह योग बेहद शुभ होगा। नौकरी में नए अवसरों की संभावना है, पढ़ाी-लिखाई में लगे लोगों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है। परिवार में सामंजस्य और समर्थन बढ़ेगा। धन की आवक में बढ़ोतरी होगी।
मिथुन राशि का शुभ समय
मिथुन राशि वालों के लिए ग्रहों की स्थिति और योग लाभकारी रहेंगे। अनबन खत्म होगी, वृद्धि और प्रगति होगी, और धन-धान्य में बढ़ोतरी होगी।
मकर राशि पर पंच योग का प्रभाव
मकर राशि के जातकों के लिए योग सकारात्मक परिणाम लाएगा। धन-संचय, प्रमोशन के योग, व्यापार में वृद्धि, और प्राइवेट सेक्टर में धन लाभ हो सकता है।
नोट: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इसकी पुष्टि डीएनए हिंदी द्वारा नहीं की गई है।
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