बाबा खाटू श्याम मंदिर और उसकी विशेषताएं
भारत की पावन भूमि राजस्थान के सीकर ज़िले में स्थापित बाबा खाटू श्याम मंदिर अपनी भक्तिमय आभा और अद्भुत आस्था के लिए देश-विदेश के दर्शनार्थियों के बीच प्रसिद्ध है। यहाँ पर हर दिन भक्तों की भारी भीड़ अपने इष्ट देव के दर्शन के लिए उमड़ती है। इस पावन मंदिर की गरिमा और विशालता को देखते हुए और आस्था के अनुरूप भक्तों को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए समय-समय पर परिवर्तन किए जाते हैं।
दर्शन का समय और महत्वपूर्ण बदलाव
हाल ही में, मंदिर के पारंगण का विस्तार किया गया है और दर्शन व आरती के समय में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। मंदिर समिति द्वारा यह बदलाव प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मकाल के आगमन पर किया जाता है। इस बदलाव से भक्तों को अधिक समय तक बाबा के दर्शन करने का अवसर मिलेगा।
सर्दियों के दौरान मंदिर के कपाट सुबह 5:30 बजे खोले जाते हैं और रात्रि 9 बजे बंद कर दिए जाते हैं। वहीं, गर्मी के मौसम में, यानी 3 मार्च से, मंदिर के दरवाजे सुबह 4:30 बजे खुल जाएंगे और रात्रि 10 बजे तक भक्तों के लिए खुले रहेंगे।
बाबा खाटू श्याम की पाँच आरती
बाबा खाटू श्याम की प्रतिदिन पाँच आरती अलग-अलग समय पर होती हैं। गर्मी और सर्दी के मौसम में आरती के समय में भी अंतर होता है। ग्रीष्म ऋतु में, पहली आरती सुबह 4:30 बजे होगी, दूसरी आरती सुबह 7 बजे, तीसरी आरती दोपहर 12:30 बजे, चौथी आरती शाम 7:30 बजे और पाँचवीं और अंतिम आरती रात्रि 10 बजे की जाएगी।
लक्खी मेला की धूम
12 मार्च 2024 से बाबा खाटू श्याम मंदिर में लोकप्रिय लक्खी मेले की शुरुआत होगी, जो कि 21 मार्च तक चलेगा। इस भव्य मेले में न केवल भारत बल्कि विभिन्न देशों से भक्त आते हैं, और यह सम्पूर्ण बाबा खाटू श्यामजी के दरबार में विशाल भजन संध्या और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन के साथ समाप्त होता है।
भक्तों की आस्था और समृद्ध कार्यक्रम
इस पवित्र स्थल पर आने वाले भक्त अपनी आस्था और भक्तिभाव से यहाँ की पवित्रता और शक्तिशाली ऊर्जा का अनुभव करते हैं। गर्मी के मौसम में दर्शन के समय में यह बदलाव उनके लिए और अधिक सुलभता प्रदान करता है, जिससे वे बिना किसी जल्दबाजी के बाबा की आरती और दर्शन कर सकते हैं।
बाबा खाटू श्याम के मंदिर का प्रबंधन नवीन और अनुकूलनीय ढंग से किया जाता है, और मौसम के अलावा, विशेष अनुष्ठानों एवं त्योहारों के दौरान भी दर्शन के समय में आवश्यक बदलाव कर भक्तों का ख्याल रखा जाता है। इसे देखते हुए यात्रियों को साल भर के कार्यक्रमों और उत्सवों के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनानी चाहिए।
अतः, अगर आप भी बाबा खाटू श्यामजी के चरणों में अपनी भक्तिभावना अर्पित करने की चाह रखते हैं तो इस बदले हुए समय-सारिणी का ध्यान रखेंं और भक्तिमय अनुभव का लाभ उठाएं।