ज्योतिषी चेतावनी: बुध ग्रह के अस्त होने से बढ़ेगी कुछ राशियों की मुश्किलें
खगोलीय घटनाओं का जीवन पर प्रभाव मानना मानव सभ्यता का एक अनूठा पहलू है, और फरवरी माह की शुरुआत में होने वाले ग्रह परिवर्तन ने इसे एक बार फिर से प्रमाणित किया है। ग्रहों का चाल बदलते ही ज्योतिष विज्ञान में माने जाने वाले ग्रहों के राजकुमार, अर्थात् बुध, जो वाणिज्य और संवाद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माने जाते हैं, उनका मकर राशि में अस्त होना, सभी बारह राशियों पर विभिन्न प्रभाव डालने वाला है। इनमें से 3 राशियां ऐसी हैं, जिनके जातकों के लिए आने वाला समय अधिक कष्टकारी और संघर्षमयी होने की आशंका है।
बुध ग्रह के अस्त होने के इस कालखंड में, जो कि 7 फरवरी से शुरू होकर 11 मार्च की शाम तक रहेगा, जातकों को आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी विविध बाधाओं और अस्थिरताओं का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिषाचार्यों की चेतावनी है कि इन राशियों के जातकों को संभलकर चलने की नितांत जरूरत है। यदि वो लापरवाही बरतेंगे तो उन्हें भारी क्षति का सामना करना पड़ सकता है।
विशेष प्रभावित राशियां और उनके लिए सावधानियां
मेष राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह के अस्त होने के दौरान आर्थिक और मानसिक तनाव की स्थितियां बन सकती हैं। इस राशि के जातकों का करियर और स्वास्थ्य हानि के संकेत मिल रहे हैं। इस समय अवधि में वित्तीय लेन-देन में विशेष सावधानी बरतने और नौकरीपेशा जातकों को प्रमोशन और वेतन वृद्धि में अधीरता न दिखाने की सलाह दी जा रही है।
मिथुन राशि के लिए भी समस्याओं की एक लंबी सूची हो सकती है। स्वास्थ्य संबंधित समस्या, व्यापार में घाटा और पारिवारिक तनाव के योग बन रहे हैं। 7 फरवरी के बाद से हर किसी को वित्तीय मामलों में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।
सिंह राशि के लिए इस कालखंड में स्वास्थ्य और धन संबंधी जोखिम अधिक हैं। सिंह राशि के जातकों को सलाह दी जा रही है कि वे स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें। साथ ही, पारिवारिक संबंधों में एकरूपता बनाए रखने के लिए संयम और सहनशीलता की आवश्यकता होगी।
असावधानी से बचाव ही है उत्तम उपाय
बुध ग्रह के अस्त होने के दौरान सभी राशियों के जातकों को जोखिम भरे निर्णयों से बचने और सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत होती है। विशेषकर, जिन राशियों पर अधिक अशुभ प्रभाव पड़ने का अनुमान है, उनके लिए यह और भी ज्यादा अपरिहार्य है। आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधित कार्यों में जल्दबाजी न करें। जीवनसाथी और परिजनों के साथ सुखद संबंध बनाए रखने के लिए संवाद में शालीनता और धैर्य का अभ्यास करें।
इन ज्योतिषीय उपायों के साथ, जातक अपने कर्म और विवेक से भी कठिन समय को सरल बनाने का प्रयास कर सकते हैं। कठिन समय कोई निराशा की घड़ी नहीं, बल्कि संयम और संघर्ष से आगे बढ़ने का अवसर मानना चाहिए। अतः, बुध ग्रह के अस्त होने के इस समय में सकारात्मक ऊर्जा और दृढ़ संकल्प के सहारे जीवन की राह को और भी उज्ज्वल बनाया जा सकता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी ज्योतिषीय विश्लेषणों पर आधारित हैं और व्यक्तिगत सलाह नहीं हैं। जीवन के निर्णयों में इनका व्यावहारिक उपयोग करने से पहले किसी सक्षम ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य करें।