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महा शिवरात्रि 2024: शिव की नगरी में उमड़ता है भक्तों का सागर यहाँ मनती है धूमधाम से पर्व

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महाशिवरात्रि का महापर्व

हिंदू पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, क्योंकि इसी तिथि को हर साल महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2024) का त्योहार हम सभी हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह पर्व देवों के देव महादेव को समर्पित होता है और इस दिव्य अवसर पर भगवान शंकर की आराधना और पूजन किया जाता है। आगामी 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि का यह पर्व एक विशेष संयोग में मनाया जाएगा, और इस अवसर पर भारतीय भूमि के अनेक मंदिरों में भोले भंडारी के अनन्य भक्त भीड़ की शक्ल में उमड़ते हैं और महादेव का अभिषेक और पूजा करते हैं।

उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर

मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित महाकालेश्वर मंदिर, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है, वहां महाशिवरात्रि पर्व को विशेष भव्यता के साथ मनाया जाता है। महाकालेश्वर मंदिर में शिप्रा नदी के किनारे स्थित इस तीर्थस्थान पर हर साल हज़ारों श्रद्धालु जुटते हैं और महादेव का महाभिषेक और पूजन करते हैं। यहां की मान्यता के अनुसार, जब अवंती नामक स्थान पर दुशाना नामक दैत्य ने आतंक मचाया, तब भगवान शिव ने न केवल उस दैत्य का संहार किया बल्कि अवंती के लोगों की मनोकामना पूरी करते हुए वहां स्थायी रूप से विराजमान हो गए।

गुवाहाटी: उमानंद मंदिर

पूर्वोत्तर भारत के गुवाहाटी शहर में ब्रह्मपुत्र नदी के एक द्वीप पर स्थित उमानंद मंदिर भी शिवरात्रि महोत्सव के लिए जाना जाता है। मंदिर में दो से तीन दिनों तक महाशिवरात्रि की धूम रहती है, और यहां भी देशभर से शिवभक्त दर्शनार्थ आते हैं।

जूनागढ़: जूनागढ़ मंदिर

गुजरात के जूनागढ़ शहर में भी जूनागढ़ मंदिर महाशिवरात्रि पर हज़ारों भक्तों को अपनी ओर खींचता है। शिवरात्रि से पांच दिन पहले यहां एक भव्य मेला आयोजित होता है और इस दौरान मंदिर के आसपास और पूरे शहर में भक्तिमय वातावरण बना रहता है।

सोमनाथ मंदिर, गुजरात

सोमनाथ मंदिर, जो एक और प्रमुख ज्योतिर्लिंग है, गुजरात में स्थित है और यहां महाशिवरात्रि के अवसर पर दिव्यता का अहसास होता है। मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक विशेष तौर पर किया जाता है और यह स्थल प्रकाश व फूलों से सजाया जाता है।

हरिद्वार: नीलकंठ मंदिर

उत्तर भारत के हरिद्वार शहर में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर भी महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्तों से भरा रहता है। हालांकि पूरे साल यहां भक्तों का जमावड़ा लगता है, महाशिवरात्रि के दिन इनकी संख्या और भी बढ़ जाती है।

इस प्रकार, महाशिवरात्रि 2024 का यह पर्व भारतीय आस्था की यात्रा है, जहां भक्ति, उत्सव और अध्यात्म का संगम होता है। यह पर्व न केवल हमें भगवान शिव के दिव्य स्मरण की ओर प्रेरित करता है, बल्कि समाज में एकता और भ्रातृत्व का भी संदेश देता है।

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