विनायक चतुर्थी की शुभता और महत्व
विनायक चतुर्थी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्ष 2024 में, फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को यह पर्व बहुत विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन 3 शुभ संयोग भी बन रहे हैं। इन शुभ योगों का असर व्यक्ति के जीवन पर पॉजिटिव प्रभाव डालता है और उसके जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
विनायक चतुर्थी के दिन शुभ संयोग
इस वर्ष विनायक चतुर्थी पर रवि योग और इंद्र योग के साथ-साथ बुधवार को होना, जो भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, इस दिन की महिमा को और भी बढ़ा देता है। भगवान गणेश की कृपा से व्यक्ति के सभी विघ्न दूर होते हैं और उसे धन-धान्य में अपार वृद्धि की प्राप्ति होती है।
गणेश स्तोत्र का महत्व
विनायक चतुर्थी पर गणेश स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। श्री गणेश के द्वादश (बारह) नाम जो प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् से प्रारम्भ होकर विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् तक जाते हैं, उनका पाठ करने से जीवन के सभी कार्य सिद्ध होते हैं। विद्यार्थी को विद्या, धनार्थी को धन और पुत्रार्थी को पुत्र की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, मोक्षार्थी को मोक्ष की प्राप्ति भी इस स्तोत्र के द्वारा संभव होती है।
सारे विद्यार्थी, भक्त और साधक इस स्तोत्र का पाठ करके अपने जीवन में सर्वसिद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। यह स्तोत्र इतना शक्तिशाली है कि अगर कोई व्यक्ति इसे नियमित रूप से पाठ करता है, तो उसे छह महीनों में इसका फल मिलने लगता है और एक साल के अंदर वह सिद्धियों को प्राप्त कर लेता है।
विनायक चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त
विनायक चतुर्थी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 6 मिनट से दोपहर के 1 बजकर 33 मिनट तक का समय होता है। इस मुहूर्त में पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पूजा के साथ ही गणेश स्तोत्र का पाठ भी अवश्य करना चाहिए, यह आपके लिए बेहद शुभ रहेगा।
इस प्रकार, विनायक चतुर्थी का यह पवित्र दिन आपके जीवन में नई ऊर्जा और पॉजिटिविटी का संचार करने वाला है। आप सभी को इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की आराधना करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में उन्नति की कामना करने की अनुमति देते हैं।
(डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी धार्मिक मान्यताओं और जन विश्वास पर आधारित है। इसकी पृष्ठभूमि या सत्यता का निर्धारण करना जानकार का क्षेत्र है।)