प्रथम पूजनीय भगवान गणेश का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान शिव एवं माता पार्वती के आदिबुद्ध पुत्र श्री गणेश को विशेष स्थान प्राप्त है। वे सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूज्य हैं। किसी भी मंगल कार्य या व्रत पूजा का आरंभ गणेश जी की आराधना से ही किया जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश की कृपा से सभी विघ्न, दुःख, कलेश और कष्ट दूर होते हैं।
सकट चौथ का महत्व और विधि
माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला सकट चौथ या तिलकुट चतुर्थी व्रत, भगवान गणेश को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रती भक्त जो मनोकामनाएं भगवान गणेश से मांगते हैं, वह पूर्ण होती हैं। इस वर्ष सकट चतुर्थी 29 जनवरी को मनाई गई, जिसमें भक्तगणों ने विघ्नहर्ता की आराधना कर अपनी श्रद्धा अर्पित की।
सकट चौथ पर विशेष उपाय
इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और जीवन से संकट व क्लेश को दूर किया जा सकता है। सकट चौथ के दिन के लिए कुछ आसान विशेष उपाय इस प्रकार हैं:
– गणेश जी के समक्ष इलायची और सुपारी रखकर पूजा करें, जिससे सभी बाधाएँ दूर होंगी, और जीवन में सुख-शांति आएगी।
– तिल, तिलकुट और सफेद दुर्वा गणेश जी को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं, जो उन्हें अति प्रिय हैं। संतान की दीर्घायु और उनके दुःख-कष्ट दूर करने की कामना के साथ चंद्रोदय के समय जल में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
– चंद्रोदय से पूर्व गणेश जी की पूजा करें तथा कम से कम 108 बार ‘गणेश बीज मंत्�