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2024 में नौतपा: जानिए कब शुरू होगी ये गर्मी की परीक्षा

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नौतपा 2024 की शुरुआत

गर्मियों का आगमन हो चुका है और साथ ही हम एक विशेष खगोलीय घटना नौतपा के निकट आ रहे हैं, जिसे हमारे देश में बेहद तपिश और गर्मी के रूप में जाना जाता है। ये वह समय होता है जब दिन की तपिश से लू के थपेड़े सामान्य दिनों से अधिक परेशान करते हैं।

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, नौतपा वह समय होता है जब सूर्य चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है और इस दौरान पृथ्वी पर गर्मी का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है। इस अवधि के दौरान हमारे ग्रह पर चंद्रमा से प्राप्त होने वाली शीतलता का प्रभाव कम हो जाता है और इस कारण से गर्मी असहनीय रूप धारण कर लेती है।

आगामी वर्ष 2024 में नौतपा की शुरुआत 25 मई से हो रही है जहां 3:16 सुबह के समय सूर्य इस नक्षत्र में अपना स्थान ग्रहण करेगा। यह प्राकृतिक घटना 2 जून तक जारी रहेगी जिसमें समस्त नौ दिन भीषण गर्मी और लू की उपस्थिति महसूस की जाएगी।

नौतपा के समय क्या करें?

नौतपा के समय ज्योतिषीय उपाय करना भी एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है जिससे कुड़ली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। इस दौरान सूर्य देव की विशेष आराधना करने की परंपरा है ताकि जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो। सुबह स्नान के पश्चात् उगते सूर्य को जल अर्पित करने और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से अच्छी सेहत की कामना की जाती है।

नौतपा के दौरान शरीर को शीतल रखने के लिए छाछ, दही, नारियल पानी और बेल के शरबत जैसी ठंडी चीजों का सेवन करना चाहिए। यह न केवल शरीर को गर्मी से राहत देता है बल्कि ताजगी भी प्रदान करता है।

तो इस नौतपा के सीजन में आप भी सूर्य देव की आराधना करें और सुरक्षित तरीके से इस गर्मी की परीक्षा का सामना करें। और याद रखें, इस दौरान पर्याप्त जल और ठंडे पेय पदार्थों का सेवन नियमित रूप से करें ताकि आप गर्मी के प्रकोप से बच सकें।

सतर्कता और सुरक्षा

यदि आप गर्मी के मौसम में बाहर निकल रहे हैं तो कुछ सावधानियां जरूर बरतें। हल्के और सूती कपड़े पहनें, धूप से बचने के लिए टोपी और धूप के चश्मे का उपयोग करें, और समय-समय पर पानी पीते रहें। ध्यान रखें कि दोपहर के समय में घर के बाहर गतिविधियां कम से कम करें क्योंकि उस समय सूर्य की किरणें सबसे अधिक तीव्र होती हैं।

इस पूरे अवधि के दौरान, ध्यान रखें कि आपके खाने-पीने की चीजें ताज़ा और हल्की हों ताकि गर्मी के कारण उत्पन्न होने वाले अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके। अतः, नौतपा की इस अवधि को सफलतापूर्वक पार करने के लिए न केवल ज्योतिषीय उपाय और पूजा-पाठ का ही नहीं, बल्कि आपकी स्वयं की सतर्कता और सुरक्षा का भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।

अंत में, याद रखें कि ये जानकारियाँ सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं और अधिक जानकारी और निजी धार्मिक विश्वासों के अनुसार अपने परिवारजन या ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होगा।

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