भाग्य का अद्भुत खेल
कहते हैं कि किस्मत का खेल निराला है। कब कौन सी चाल चल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। इसका साक्षात उदाहरण तब देखने को मिला जब अमेरीका की रहने वाली डेनिसी रॉसी ने 1990 में 10 करोड़ रुपए की लॉटरी जीती। लॉटरी लगने के बाद मानो डेनिसी की जिंदगी बदल गई हो, लेकिन इस बदलाव ने उसके जीवन में एक अजीब मोड़ ला दिया।
भाग्य और निर्णय
लॉटरी की रकम हाथ में आने के बाद डेनिसी ने अपनी जिंदगी के फैसले लेने शुरू कर दिए। इसी दौरान उन्होंने अपने 25 साल के वैवाहिक जीवन को समाप्त करने का निर्णय लिया। उनका यह फैसला न केवल उनके पति के लिए चौंकाने वाला था, बल्कि उनके लिए भी एक नया मोड़ था। डेनिसी ने अपने पति थॉमस रॉसी से तलाक लेने का मन बना लिया।
बेवकूफी का फैसला
लॉटरी जीतने की खबर को डेनिसी ने गुप्त रखा ताकि तलाक के बाद उसे अपनी लॉटरी की रकम अपने पति के साथ बांटनी न पड़े। लेकिन कहते हैं कि किस्मत कभी भी किसी के हाथ में नहीं रहती। डेनिसी के मामले में भी किस्मत ने अपना खेल दिखाया।
एक और करवट
कुछ साल बाद थॉमस के हाथ वह दस्तावेज लग गया, जिसमें लॉटरी के विजेताओं के लिए कुछ खास योजनाएं बताई गई थीं। यहां से किस्मत ने थॉमस का सहयोग किया। उन्होंने फौरन फ्रॉड का केस डेनिसी पर कर दिया।
कानूनी कार्रवाई
कोर्ट में थॉमस ने साफ-साफ कहा कि डेनिसी ने तलाक से 11 दिन पहले ही लॉटरी जीती थी और उन्होंने अदालत से अपनी संपत्ति के विषय में झूठ बोला था। कोर्ट ने डेनिसी को दोषी ठहराया और लॉटरी की रकम का लगभग पूरा हिस्सा प्रत्येक वर्ष किस्तों में थॉमस को देने का आदेश दिया।
लेने के देने पड़ गए
जहां डेनिसी अपने सपने पूरे करने के लिए 10 करोड़ रुपए लेकर नई जिंदगी शुरू करने की कोशिश कर रही थीं, वहीं उनकी यह योजना विफल हो गई। उन्होंने न केवल अपनी सारी रकम खो दी, बल्कि अपनी प्रतिष्ठा भी गंवा दी।
सीख और संकेत
इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि फुरसत और भाग्य का खेल हमेशा हमारे अनुसार नहीं चलता। पैसे और लोलुपता के कारण रिश्तों को तोड़ना हमेशा सही निर्णय नहीं होता। डेनिसी रॉसी की कहानी यह सिखाती है कि पैसा कभी भी सच्चे रिश्तों की जगह नहीं ले सकता। किस्मत का विरोध करना और रिश्तों को अनदेखा करना अंततः दुखदाई ही होता है।
जरूरी नहीं कि हर जीत हो लाभकारी
हर कोई सोचता है कि अचानक से मिलती संपत्ति उसके जीवन को संवार देगी, लेकिन जरूरी नहीं कि हर जीत लाभकारी हो। डेनिसी रॉसी के लिए 10 करोड़ रुपए की लॉटरी जीतना उनके जीवन का सबसे बड़ा दुर्भाग्य साबित हुआ। अगर उन्होंने यह निर्णय सोच-समझकर लिया होता, तो शायद उनकी जिंदगी आज अलग होती।
इस कहानी से हम सभी को यह भी सीखने की आवश्यकता होती है कि पैसे और लालच के आगे रिश्तों को नहीं झुकाना चाहिए। अंततः धन सीमित होता है, लेकिन असली खुशहाली संबंधों में होती है।