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रणबीर कपूर को महादेव एप लॉटरी केस में ED का समन

देशभर में ED की कार्रवाई जारी

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) द्वारा की जा रही जांच के दायरे में हाल ही में बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता रणबीर कपूर का नाम जुड़ा है। ED ने बुधवार को महादेव ऑनलाइन लॉटरी जांच मामले में रणबीर कपूर को समन जारी किया। एजेंसी को संदेह है कि इस केस में हवाला प्रक्रियाओं के जरिए कलाकारों को धन मुहैया कराया गया है।

समन के पीछे का कारण

समन के अनुसार, रणबीर कपूर को 6 अक्टूबर को जांच एजेंसी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि वे महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप के एक आयोजक सौरभ चंद्राकर की शादी में उपस्थित थे। इस कारण उनसे पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है। फरवरी 2023 में यह शादी UAE में आयोजित हुई थी, जिसकी भव्यता ने काफी चर्चा बटोरी थी।

अन्य हस्तियाँ भी संदेह के घेरे में

रणबीर कपूर के अलावा, जांच के दायरे में कई अन्य सितारे जैसे आतिफ असलम, राहत फतेह अली खान, अली अजगर, विशाल डडलानी, टाइगर श्रॉफ, नेहा कक्कर, एली अवराम, भारती सिंह, सनी लियोनी, भाग्यश्री, पुलकित सम्राट, कीर्ति खरबंदा, नुसरत भरूचा और कृष्णा अभिषेक का नाम भी सामने आया है। यह सभी फरवरी में सौरभ चंद्राकर की शादी में उपस्थित थे।

महादेव एप लॉटरी घोटाले का परिचय

महादेव ऑनलाइन लॉटरी एप मामले की जांच के दौरान ED ने सितंबर माह में कोलकाता, भोपाल, मुंबई समेत देश के अन्य शहरों में छापेमारी की और 417 करोड़ रु. की संपत्ति जब्त की थी। छत्तीसगढ़ के सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने कंपनी की स्थापना की और दुबई में इसका संचालन करते हैं। इन पर बिना अनुमति वाली सट्टेबाजी साइटों को बढ़ावा देने, बेनामी बैंक खातों के संचालन और पैसों की हेराफेरी का आरोप है।

आर्थिक संदर्भ और सामाजिक प्रभाव

यह मामला केवल आर्थिक फ्रॉड तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका बढ़ता हुआ सामाजिक प्रभाव भी चिंता का विषय है। बॉलीवुड से जुड़ी बड़ी हस्तियों का इसमें नाम आने से सामान्य जनता की वित्तीय संस्थानों में और विश्वास की कमी हो सकती है। इसके अलावा, युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव और ऑनलाइन गेमिंग के प्रति अत्यधिक लत का जोखिम भी सामाजिक मुद्दे के रूप में सामने आ रहा है।

भविष्य की संभावनाएँ

ED के हस्तक्षेप से यह स्पष्ट है कि भारत में वित्तीय धोखाधड़ी पर निर्मम कार्यवाही की जा रही है। इस केस में शामिल उच्च प्रोफ़ाइल सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की उम्मीद है। बावजूद इसके, यह देखना दिलचस्प होगा कि कानूनी प्रक्रिया कितनी प्रभावी और त्वरित रहती है और क्या उचित सजा दी जा सकेगी, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।

अधिकारियों का यह भी मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयाँ आने वाले समय में भारत के वित्तीय सिस्टम और लोगों में पारदर्शिता और जवाबदेही को और मजबूत बनाएंगी, क्योंकि कानून के हाथ अब अवैध गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह से तैनात हैं।

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