लॉटरी टिकट के बंद दरवाजों ने बदली गाँव के बुजुर्ग की जिंदगी, जीते 5 करोड़ रुपये
समय पर पहुंचकर भी मिला किस्मत का सहारा
<सुरेश कुमार हमेशा एक निश्चित दुकान से ही लॉटरी के टिकट खरीदा करते थे, लेकिन उस दिन किस्मत कुछ और ही चाहती थी। जब सुरेश उस दिन दुकान पहुंचे, तो पता चला कि दुकानदार किसी आपातकालीन कारणों से दुकान बंद करके कहीं बाहर गए थे। सुरेश निराश होकर लौटने लगे थे, लेकिन तभी उनके एक मित्र ने उन्हें गाँव के दूसरे कोने पर स्थित एक पत्रिका स्टॉल के बारे में बताया। सुरेश ने वहां जाकर टिकट खरीदा, और इससे उनकी पूरी जिंदगी बदल गई।>
तीन दशकों से खेल रहे थे लॉटरी
<सुरेश कुमार ने बताया कि उन्हें लॉटरी खेलते हुए लगभग 30 साल हो चुके हैं। "मैं हमेशा ही एक ही दुकान से टिकट लेता था," सुरेश ने कहा। "लेकिन उस दिन जब दुकान बंद थी, मैंने वगर्तीकल चौक से टिकट खरीदा। जब मैंने टिकट को स्क्रैच किया, तो मैंने देखा कि मैंने 5 करोड़ रुपये का इनाम जीत लिया। मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। ये पैसा मेरी और मेरे परिवार की जिंदगी बदल देगा।">
जीत की शुरुआत में विश्वास की कमी
<सुरेश कुमार ने शुरुआत में अपनी जीत पर विश्वास करने में थोड़ी मुश्किल महसूस की। "मैंने कई बार टिकट की जाँच की, और जब मेरी पत्नी और बच्चों ने भी इसे देखा तो हमारा खुशी का ठिकाना नहीं रहा,” उन्होंने बताया। सुरेश ने तुरंत ही लॉटरी अधिकारियों से संपर्क किया और पुष्टि की कि वह वास्तव में विजेता हैं। लॉटरी अधिकारियों ने उन्हें जल्दी ही पैसा प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया।>
परिवार की खुशियों का नया अध्याय
<सुरेश कुमार की पत्नी, गीता देवी, ने अपनी खुशियों को बांटते हुए बताया कि इस जीत से उनकी कई समस्या हल हो जाएंगी। "हम अपने बच्चों की शिक्षा, अपने घर की मरम्मत और बाकी सब की चिंता नहीं करेंगे,” गीता देवी ने कहा। परिवार ने इस रकम से गाँव में एक छोटी स्कूल खोलने और जरूरतमंदों की मदद करने का भी निर्णय लिया है।>
लॉटरी खेल का मोह अब भी बना रहेगा
<हालांकि सुरेश कुमार ने बड़ी रकम जीत ली है, फिर भी उन्होंने कहा है कि वह लॉटररी खेलना बंद नहीं करेंगे। "लॉटरी खेल ने मुझे उम्मीद दी है और अब मैं और भी अधिक उत्साहित हूँ। अगर यह मेरी किस्मत में और भी जीतना लिखा है, तो जरूर जीतूंगा।" सुरेश का यह विचार है कि जीवन में जोखिम लेना कभी-कभी बहुत लाभदायक हो सकता है।>
अन्य लॉटरी विजेताओं की कहानियाँ
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अन्य बुजुर्ग दंपत्ति ने 50 लाख रुपये का लॉटरी टिकट जीता था। यह दंपत्ति अपने पुराने घर की मरम्मत के लिए पैसों की चिंता में थे। लॉटरी टिकट जीतने के बाद, उन्होंने अपने घर की मरम्मत करवाई और अपने दोनों नातियों की उच्च शिक्षा के लिए पैसे जमा किए।
कई बार ऐसी कहानियां सुनने को मिलती हैं जहाँ लोग किसी भी उम्मीद के बिना लॉटरी टिकट खरीदते हैं और अनजाने में लाखों रुपये जीत जाते हैं। यह उम्मीद और असमंजस का मिश्रण ही है जो लॉटरी खेल को इतना रोमांचक बनाता है।
समाप्ति
जीवन में कई बार असम्भव चीजें भी संभव हो जाती हैं। सुरेश कुमार की किस्मत ने भी कुछ ऐसा ही किया। एक छोटे से गाँव के व्यक्ति की कहानी ने साबित किया कि किस्मत कब और कैसे बदल जाए यह कोई नहीं जानता। जरूरी है तो बस कोशिश करते रहना और विश्वास बनाए रखना। शायद यही जीवन की असली कहानी है।
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ये घटना न केवल सुरेश कुमार के लिए एक बड़ी विजय है, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जीवन में निरंतर प्रयास करते रहते हैं। किस्मत कब आपका साथ निभा दे, यह कहना मुश्किल है। इसीलिए, कभी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए।