पैसे का जादू और रिश्तों की अहमियत
कहते हैं न कि पैसे से बड़ा कोई दोस्त नहीं होता और न ही कोई दुश्मन। इसका प्रमाण है जब किसी के हाथ में अकस्मात बड़ी रकम आ जाती है तो उसके व्यवहार में परिवर्तन साफ दिखाई देता है। जब तक उसके पास पैसे नहीं होते, तब तक वह लाचार दिखता है। पर जैसे ही उसके हाथ एकमुश्त पैसा लगता है, उसकी नीयत और व्यवहार एकदम बदल जाते हैं। ऐसा ही एक आश्चर्यजनक मामला अमेरिका से आया है जहां एक महिला ने 10 करोड़ रुपये की लॉटरी जीती। इस पैसे ने न केवल उसकी जिंदगी बदली, बल्कि उसके रिश्तों की दिशा भी बदल डाली। पर कहते हैं न कि किस्मत भी किसी चीज़ का नाम है, कब किसकी पलट जाएगी कुछ कहा नहीं जा सकता।
लॉटरी जीतने पर जिंदगी में बड़ा परिवर्तन
अमेरिका की डेनिसी रॉसी ने 1990 में 10 करोड़ रुपये की लॉटरी जीतकर अपनी किस्मत को बदल डाला। लेकिन लॉटरी जीतने के बाद डेनिसी ने जो किया, वह अब तक की सबसे बड़ी बेवकूफी साबित हुई। इस दौलत के नशे में, उसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने 25 साल पुराने शादीशुदा रिश्ते को तोड़ने का निर्णय ले लिया। डेनिसी ने अपने पति थॉमस रॉसी के खिलाफ तलाक का मुकदमा दायर किया, और इस दौरान, उसने किसी को भी अपनी लॉटरी जीतने की बात नहीं बताई। उसकी योजना थी कि तलाक के बाद उसे पति को कोई धन न देना पड़े।
कानून का फेर और किस्मत का खेल
1996 में उनका तलाक हो गया, और डेनिसी ने अपने पति को लॉटरी जीतने की बात छिपाकर रखी। परंतु, भाग्य का खेल भी अजीब होता है। तलाक के कुछ वर्ष बाद, थॉमस रॉसी के हाथ एक पत्र लग गया, जिसमें लॉटरी विजेताओं के लिए विशेष योजनाएं बताई गई थीं। इसे पढ़कर थॉमस को पता चल गया कि डेनिसी ने उससे लॉटरी जीतने की बात छुपाई थी।
थॉमस ने तत्काल डेनिसी पर धोखाधड़ी का मामला कर दिया। उन्होंने अदालत में दायर की गई याचिका में यह बताया कि डेनिसी ने तलाक से 11 दिन पहले लॉटरी जीती थी और उसकी संपत्ति के बारे में झूठ कहा था। कोर्ट ने डेनिसी को दोषी ठहराया और आदेश दिया कि लॉटरी की लगभग सारी रकम 20 सालाना किस्तों में अपने पूर्व पति थॉमस को दी जाए।
किस्मत के चक्कर में उलझे रिश्ते
यह कहानी एक सबक है कि पैसे के लिए रिश्तों को दांव पर लगाना कभी भी समझदारी की बात नहीं होती। डेनिसी ने अपनी खुशियों को पाने के लिए अपने रिश्ते को तोड़ दिया, लेकिन असीम दौलत के बाद भी उसे उस फैसले से क्या मिला, यह सोचने की बात है। पैसे का मोह उसे धोखा दे गया, और अंततः वह अपनी किस्मत से हार गई। पैसे से रिश्तों को कम नहीं आंका जा सकता और यह समझना जरूरी है कि जीवन में बेहतर रिश्ते ही सच्चा धन होते हैं।
इस तरह यह कहानी यह सिखाती है कि दौलत का मोह क्षणिक होता है, लेकिन ठोस रिश्ते ही जिंदगी का असली मूलधन होते हैं।