संयोग या किस्मत का खेल
बेंगलुरु के अरुण कुमार वाटक्के कोरोथ के जीवन में अचानक बदलावा तब आया जब उन्हें एक कॉल आई जिसने उन्हें करोड़पति बना दिया। परंतु, यह परिवर्तन यूं ही नहीं हुआ। जब अरुण ने अबू धाबी की बिग टिकट लाइव ड्रॉ लॉटरी के बारे में सुना तो उन्होंने इसमें हिस्सा लिया। पहले प्रयास में उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ लेकिन उन्होंने दूसरी बार में अपनी किस्मत को और एक मौका देने का निर्णय लिया। और यहीं से उनकी कहानी में एक नया मोड़ आया।
प्रैंक कॉल की गलतफहमी
यह कहा जाता है कि जब किस्मत आपके दरवाजे पर दस्तक देती है, तो वो सभी बाधाओं को पार कर जाती है। जब अरुण ने दूसरी बार लॉटरी का टिकट खरीदा, तो उन्हें 22 मार्च को अप्रत्याशित जीत प्राप्त हुई। उनके फोन पर आई कॉल ने उन्हें जानकारी दी कि वह 20 मिलियन दिरहम यानी लगभग 44 करोड़ की लॉटरी जीत चुके हैं। परंतु अरुण ने इसे महज एक मजाक समझा। उन्होंने कॉल काट दिया और नंबर को ब्लॉक कर दिया। उन्हें यह विश्वास करना ही मुश्किल हो रहा था कि वो वास्तव में करोड़पति बन चुके हैं।
असत्य से सत्य की ओर
अरुण कुमार की जीत की सही जानकारी तब मिली जब उन्हें दूसरे नंबर से कॉल आया। इस बार उन्हें समझ में आया कि यह कोई प्रैंक नहीं बल्कि सच्चाई थी। यह पल उनके जीवन का सबसे अविस्मरणीय पल बन गया। अरुण ने ख़लीज टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में कहा, “जब बिग टिकट से कॉल आई तो मैंने समझा कि यह फेक कॉल है या कोई प्रैंक कर रहा है।”
सपने का साकार होना
अरुण की जीत की खबर ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। अब तमाम रकम उनके पास थी तो उन्हें अपने लंबे समय से अधूरे सपनों को पूरा करने का मौका मिला। अरुण अब खुद के बिज़नेस की शुरुआत करने का सपना साकार करने की योजना बना रहे हैं। उन्होनें कहा कि यह पैसे उनके जीवन के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करने में सहायक होंगे।
पैसों के साथ नई उम्मीदें
अरुण कुमार की कहानी ने यह साबित कर दिया कि किस्मत का खेल कब बदल जाए कोई नहीं जानता। यह कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणास्रोत है जो अपनी अंतरात्मा के मत का अनुसरण करते हैं और कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ते। प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके अरुण अब अपने पैसे का उपयोग अपनी और अपने परिवार की खुशहाली के लिए करेंगे।
समाज के लिए एक प्रेरणा
अरुण की यह कहानी समाज के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि किस्मत के बावजूद भी कभी हार नहीं माननी चाहिए। उनका असल में पारस पत्थर बन चुका लॉटरी टिकट उनके लिए एक बढ़ती हुई उम्मीद का प्रतीक बन गया, जिसे उन्होंने अपने जीवन के सपनों को साकार करने के लिए उपयोग करना चाहा।
यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर हम धैर्य और समर्पण के साथ प्रयास करते रहते हैं, तो हमारी मेहनत एक न एक दिन रंग जरूर लाती है। और जैसा कि अरुण की कहानी में हुआ, एक सही कदम आपके जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है।