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चैत्र नवरात्रि: माँ कात्यायनी की पूजा का शुभ दिन जानें विधि मंत्र और आरती

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चैत्र नवरात्रि का शुभ अवसर

आध्यात्मिक उत्सवों की भूमि भारत वर्ष में चैत्र नवरात्रि का महत्व अत्यधिक विशेष है। इस वर्ष नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हुई है और हर दिन मां दुर्गा के एक अलग स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि का छठा दिन विशेषतः मां कात्यायनी के लिए समर्पित है। इस शुभ दिवस पर, संगीतमय भजनों के साथ भक्त अपने अटूट श्रद्धा और आस्था का प्रदर्शन करते हैं।

मां कात्यायनी का शक्तिशाली स्वरूप

देवी दुर्गा के छठे स्वरूप के रूप में मां कात्यायनी की आराधना की जाती है। कथाओं के अनुसार, मां एक शक्तिशाली अवतार हैं जिन्होंने भक्तों के कष्टों का निवारण किया है। मां कात्यायनी सिंह पर आरूढ़ होकर, चार भुजाओं में कमल और तलवार को धारण किए हुए, एक हाथ में वरमुद्रा और दूसरे में अभय मुद्रा संग दर्शन देती हैं। इनकी भक्ति से न केवल विद्यार्थियों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बल्कि शादी योग्य युवक-युवतियों के विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं।

माता की प्रिय वस्तुएं और भोग

माता कात्यायनी को शहद का भोग अति प्रिय है। इसे माता को अर्पित करने से भक्तों को अनंत सुख मिलता है। इस के साथ ही, माता को लाल रंग अत्यधिक प्रिय है, इसलिए इस दिन गुड़हल या गुलाब के लाल फूल माता को अर्पित किए जाने चाहिए। इससे माता रानी की असीम कृपा प्राप्त होती है।

सम्मोहक मंत्र और जाप विधि

चैत्र नवरात्रि के इस पवित्र दिन मां कात्यायनी की आराधना में निम्नलिखित मंत्र का जाप अवश्य किया जाना चाहिए:

ॐ देवी कात्यायन्यै नम:।

इसके अतिरिक्त निम्नलिखित प्रार्थना मंत्र भी बहुत महत्वपूर्ण है:

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना

कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी।

मंत्र जाप एवं पूजा विधि अनुसार करने से माता प्रसन्न होकर सभी दु:ख और बाधाओं को दूर करती हैं और भक्तों को तमाम संकटों से मुक्ति दिलाती हैं।

आरती के द्वारा अर्पित श्रद्धा

पूजा विधि का समापन आरती के माध्यम से होता है जो माता के प्रति अपार भक्ति और प्रेम का प्रतीक होती है। मां कात्यायनी की आरती संपूर्णता और समर्पण के साथ की जाती है, ताकि मां सभी कठिनाइयों और कष्टों को दूर कर, सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करें। आरती के शब्द हैं:

जय-जय अम्बे जय कात्यायनी…

चैत्र नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा का यह छठा दिन अति पवित्र माना जाता है, और इस दिव्य अवसर पर माता की आराधना से हर घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आज के दिन पूजा-अर्चना करने से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है और मां की कृपा से जीवन में प्रसन्नता की राह खुलती है।