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ज्योतिषीय नुस्खे: ग्रहों की कमजोरी पैदा करती है क्रोध जानिए उपाय और पाएं राहत

Table of Contents

ग्रहों का जीवन पर प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का महत्वपूर्ण स्थान है। एक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति उसके जीवन की दिशा और दशा को निर्धारित करती है। जब ग्रह अनुकूल स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ता है, परंतु अशुभ फल प्राप्त होने पर वही व्यक्ति कई प्रकार की परेशानियों और नुकसानों का सामना करता है।

क्यों होता है शनि दोष?

शनि ग्रह का कुंडली में अशुभ स्थिति में होना व्यक्ति की जिंदगी में समस्याओं को जन्म देता है। शनि दोष का प्रभाव पड़ने पर व्यक्ति नौकरी, व्यवसाय आदि में समस्याओं का सामना करता है, पारिवारिक झगड़े बढ़ते हैं और क्रोध की समस्या अधिक हो जाती है।

शनि के कमजोर होने के लक्षण

जब शनि कुंडली में कमजोर होता है तो व्यक्ति को नौकरी के मामले में ठोस स्थिरता नहीं मिलती। उसे नौकरी बदलनी पड़ सकती है या फिर नौकरी ही ना मिले। इसके अलावा, परिवार में लड़ाई-झगड़े, कर्ज का बढ़ना, झूठ बोलने की आदत, नशीले पदार्थों का सेवन और धार्मिक आस्थाओं में कमी आम बातें हैं जो शनि के अशुभ प्रभाव को दर्शाती हैं।

शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचाव

शनि की अशुभ दशा से बचने के लिए ज्योतिषीय उपायों का प्रयोग किया जा सकता है। हर शनिवार को शनि मंदिर जाकर सरसों का तेल शनि देवता को चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, घर की शुद्धि के लिए पान के पत्तों पर लौंग जलाने का भी प्रावधान है। काले कपड़े का दान करना और खुद भी शनिवार को काले कपड़े पहनने से शनि की कृपा प्राप्त होती है और दोष का निवारण होता है।

याद रखें कि ये उपाय सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं और आपकी व्यक्तिगत स्थिति के लिए विशेषज्ञ ज्योतिष से परामर्श लेना उचित होगा।

हनुमान जयंती के मौके पर भी शनि दोष के उपाय किए जा सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी की पूजा शनि के प्रभाव को कम करती है। हालांकि, इसके लिए भी महिलाओं और पुरुषों के अलग-अलग नियम हैं जिनका पालन अत्यंत आवश्यक है।

ज्योतिष उपाय हर किसी के लिए अलग होते हैं क्योंकि हर व्यक्ति की कुंडली अद्वितीय होती है। इसलिए, इन उपायों को अपनाने से पहले ज्योतिषी से सलाह लेना बेहतर होता है।

निष्कर्ष

ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक रूप से होता है। शनि दोष का निवारण करके व्यक्ति अपने जीवन में संतुलन और शांति ला सकता है। ज्योतिषीय उपायों की सहायता से, हम कोशिश कर सकते हैं कि हमारी कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति से हमें कम से कम नुकसान पहुंचे।