kerala-logo

रसोई घर और धन संपदा: वास्तु अनुसार घर की इस दिशा में रसोई बनाने का महत्व

Table of Contents

वास्तु शास्त्र: रसोई घर का महत्व

वास्तु शास्त्र हमारे जीवन पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ता है। यह अध्ययन अधिकतर भारतीय घरों में अपना विशेष स्थान रखता है क्योंकि वास्तु के नियमों के अनुसार बनाए गए घरों का मानना है कि ऐसा करने से आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति आती है। हमारे घर की रसोई घर की दिशा भी वास्तु शास्त्र के अध्ययन के अंतर्गत आती है। यह कहा जाता है कि अगर किचन सही दिशा में नहीं होता है, तो यह न केवल आर्थिक तंगी बल्कि स्वास्थ्य समस्याएं भी ला सकता है। इसी कारण से रसोई घर की सही दिशा का चुनाव करके और इसमें कुछ विशेष चीजों का ध्यान रख कर वास्तु दोष से बचा जा सकता है।

किचन की सही दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के किचन को दक्षिण-पूर्व दीशा में रखना चाहिए क्योंकि यह दिशा अग्नि देवता यानी फायर एलिमेंट को समर्पित होती है। इसके अलावा, रसोई घर में सिंक की दिशा में भी विशेष ध्यान देना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा को जल तत्व से जोड़कर देखा जाता है, और यह दिशा सिंक के लिए उत्तम मानी जाती है। इससे घर में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि बनी रहती है।

रसोई में सामान रखने की उचित दिशा

स्लैब या अलमारियां, जिनमें रसोई का सामान रखा जाता है, उन्हें दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनाने से घर में सुख और शांति बनी रहती है और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। यह वास्तु दोषों से मुक्त करता है और किचन में बरकत लाता है।

रसोई के सामने वॉशरूम का निर्माण

वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक, रसोई घर के मुख्य द्वार के सामने वॉशरूम का होना वास्तु दोष को आमंत्रित करता है। यह नकरात्मकता लाता है और घर के लोगों के बीच आर्थिक समस्याएं और तनाव पैदा कर सकता है। इसलिए, वास्तु के नियमों को मानते हुए, रसोई घर और वॉशरूम को एक दूसरे के सामने नहीं बनाना चाहिए।

आज के इस लेख में हमने जाना कि रसोई घर को वास्तु अनुसार किस तरह बनाया जाना चाहिए और इसके महत्वपूर्ण नियम क्या-क्या हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार बनी रसोई से ना केवल धन की बरकत होती है, बल्कि यह हमारी सेहत की दृष्टि से भी लाभदायक हो सकती है। इन वास्तु नियमों को अपनाकर आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके घर में समृद्धि और सकारात्मकता का संचार बना रहे।

(Disclaimer: यहां दिए गए विचार और सुझाव सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। हर व्यक्ति का अनुभव अलग हो सकता है और वास्तु शास्त्र के परिणामों का सत्यापन नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय लेना सर्वोत्तम होगा।)

यदि आप हिन्दी में ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी और ताज़ा समाचारों को पढ़ने के इच्छुक हैं, तो DNA हिंदी को Google, Facebook, Twitter और Instagram पर फॉलो करें।