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राम मंदिर प्रसाद घर बैठे बुक: जानें सत्यता से परिपूर्ण जानकारी

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अयोध्या की भव्य सजावट और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की रौनक

अयोध्या, जिसे राम जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है, की पावन धरती पर आगामी 22 जनवरी को एक महान समारोह आयोजित किया जा रहा है, जहां राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पूरी अयोध्या नगरी आज फिर से त्रेता युग की झलक प्रस्तुत कर रही है, जहां घर-घर अक्षत रोपित किए जा रहे हैं और समारोह की मंगलमयी शुरुआत हो रही है।

ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग की वास्तविकता

राम मंदिर के भव्य समारोह के चलते, एक बात जो श्रद्धालुओं के मन में घर कर गई है, वह है ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग की सुविधा। इस भ्रम की स्थिति ने भक्तों के मन में एक सवाल को जन्म दिया है कि क्या वे वास्तव में इंटरनेट के माध्यम से मंदिर के प्रसाद को बुक कर सकते हैं? इसका उत्तर है नहीं। राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से ऐसी किसी भी सुविधा की घोषणा नहीं की गई है।

प्रसाद वितरण के दावों का सच

जैसे ही अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक की तारीख नजदीक आई, इंटरनेट पर कई विज्ञापनों में प्रसाद वितरण के झूठे दावे वायरल होने लगे। समाज में इस तरह की खबरें प्रसारित होने से लोगों के मन में एक आशा की किरण जगी, कि वे भी इस महान यज्ञ में अपनी आस्था का हिस्सा बन सकते हैं और अपने घर में ही मंदिर से प्राप्त प्रसाद प्राप्त कर सकते हैं।

हालांकि, ऐसे विज्ञापन करने वाली कंपनियां ‘खादी ऑर्गेनिक’ और ‘मंदिर दर्शन’ जैसी अन्य संस्थाएं मिठाइयां बचने के नाम पर ग्राहकों को लुभा रही थीं। यह समारोह जुड़ने के इच्छुक भक्तॊं के बीच गलत जानकारी फैला रहे थे, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पर कोई मुहर नहीं लगी है।

सच्चाई से अवगत होने की महत्ता

ऐसे समय में जब इंटरनेट पर जानकारी का एक बड़ा हिस्सा भ्रमित करने वाला है, यह महत्त्वपूर्ण है कि लोग सोच-समझकर और सबूतों के आधार पर फैसले लें। राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा ऑनलाइन प्रसाद वितरण की घोषणा ना होने के कारण भक्तों को सचेत रहना चाहिए और किसी भी विज्ञापन या संदेश के बहकावे में ना आएं।

हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम ऐसी भ्रामक जानकारियों से दूर रहें और अपनी धार्मिक आस्था को सही और सच्चे माध्यम से ही प्रकट करें। देश-विदेश की ताजा खबरों को समझने के लिए, हमेशा प्रमाणित स्रोतों पर निर्भर रहें। धर्म और आस्था के नाम पर फैलाए जा रहे भ्रम का खंडन करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

अतः अयोध्या के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, आइए हम सच्चाई की परतें खोलें, सवाल पूछें और सत्यनिष्ठा से अपनी आस्था को प्रकट करें ताकि हमारी भक्ति सच्ची और निष्कपट बनी रहे।