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वास्तु शास्त्र की शक्ति: स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए अपनाएँ ये आवश्यक उपाय

Table of Contents

घर में सकारात्मकता का महत्व

वास्तु शास्त्र, जो भारतीय ज्ञान का एक प्रमुख हिस्सा है, वह हमें घर और कार्यालय के स्थानों को व्यवस्थित करने का विज्ञान समझाता है। यह विज्ञान ना केवल स्थानिक ऊर्जा के संतुलन पर बल देता है, बल्कि स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ाने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। घर में नकारात्मकता और वास्तु दोष के प्रभाव से परिवार के सदस्यों पर ना केवल मानसिक तनाव बढ़ता है, बल्कि धन हानि, स्वास्थ्य समस्याएं एवं पारस्परिक रिश्तों में दरार आने का खतरा बढ़ जाता है।

बेडरूम की सही व्यवस्था का महत्व

वास्तु शास्त्र की अनुशासनात्मक सिफारिशों में बेडरूम का विशेष स्थान है। एक स्वच्छ और व्यवस्थित बेडरूम न सिर्फ मानसिक शांति बढ़ाता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा को भी प्रोत्साहित करता है। पुरानी एवं अनावश्यक वस्तुओं की बेडरूम से सफाई से लेकर, शीशे का सही स्थान और तस्वीरों व प्रतिमाओं की स्मृति – इन सभी पहलुओं का वास्तु में गहरा अर्थ है। तो बेडरूम में उचित साफ-सफाई के अलावा, भगवान की तस्वीरों का प्रदर्शन भी वर्जित है, क्योंकि यह व्यक्तिगत जीवन में बाधा डाल सकता है।

खान-पान और वास्तु

खाना शरीर के लिए ईंधन की तरह होता है और वास्तु शास्त्र में इसे ग्रहण करने की दिशा का बड़ा महत्व है। पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके भोजन करने से न सिर्फ पाचन क्रिया में सुधार होता है, बल्कि पोषक तत्वों का अधिकतम शोषण भी सुनिश्चित होता है। इसके अतिरिक्त, घर में टपकते नलों को सही करना आर्थिक नुकसान और ऊर्जा नष्ट होने से रोकता है।

नींद और इसकी गुणवत्ता

स्वस्थ नींद न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत के लिए भी आवश्यक है। वास्तु कहता है कि दक्षिण या पूर्व में सिर करके सोने से गहरी और रिफ्रेशिंग नींद मिलती है जिससे तनाव कम होता है और उत्साह बढ़ता है। सीढ़ियों के नीचे कूड़े-कचरे को साफ रखने से अनावश्यक बाधाओं और स्वास्थ्य समस्याओं का निवारण होता है।

पेड़-पौधे और पर्यावरण

पेड़-पौधे न सिर्फ वातावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि घर में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इनकी उपस्थिति से परिवार के सदस्यों का मन प्रसन्न रहता है और स्वास्थ्य बेहतर होता है। प्राकृतिक प्रकाश और हवा के लिए घर की खिड़कियों और दरवाजों को प्रतिदिन कुछ देर के लिए खुला रखने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष

वास्तु शास्त्र का पालन करने से न केवल घर में स्थानिक ऊर्जा का संतुलन सुधरता है बल्कि यह स्वास्थ्य और समृद्धि को भी बढ़ावा देता है। इन आवश्यक उपायों को अपनाने से आप और आपके परिवार की सेहत में सुधार होगा और आपके जीवन से नकारात्मकता का नाश होगा।

(Disclaimer: उपरोक्त जानकारी और सुझाव सामान्य मान्यताओं और भारतीय वास्तु शास्त्र के ज्ञान पर आधारित हैं। इनका प्रयोग आपकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर है। यह लेख किसी भी विशेषज्ञ की राय या धारणा को नहीं दर्शाता है।)