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वृंदावन की धरोहर: कामदा एकादशी पर सजेगा बांकेबिहारी का विलक्षण फूल बंगला

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बांके बिहारी मंदिर की पुष्प सज्जा का महत्त्व

पौराणिकता और संस्कृति के वृहद पटल पर भारतीय धार्मिक अनुष्ठानों का एक अनोखा स्थान है। विशेषकर हिन्दू धर्म में, एकादशी के दिन को बेहद पावन माना जाता है। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी, अपने आप में विशेष आध्यात्मिक महत्व रखती है। इसी परिप्रेक्ष्य में, वृंदावन स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में एक अद्वितीय परंपरा सिर झुकाए खड़ी है – फूल बंगला की सजावट।

यह वार्षिक उत्सव कामदा एकादशी के दिन से शुरू होता है, जो इस वर्ष 19 अप्रैल को आ रहा है। इस पावन दिन पर, बांके बिहारी के दरबार को विभिन्न देसी और विदेशी फूलों से बड़े ही खूबसूरती से सजाया जाता है। यह फूल बंगला उन्हें प्रचंड गर्मी से राहत प्रदान करने और भक्तों को एक शांत और मनमोहक दर्शन देने के उद्देश्य से सजाया जाता है। इतना ही नहीं, यह परंपरा न केवल एक दिन तक चलती है बल्कि अगले चार महीनों तक, हरियाली अमावस के उपलक्ष्य तक सजावट बनी रहती है।

क्यों मनाया जाता है फूल बंगला उत्सव?

महान संत और भगवान के अनन्य भक्त स्वामी हरिदास जी के द्वारा आरंभ इस परंपरा की गहराई में भक्ति भावना का स्त्रोत निहित है। कहा जाता है कि स्वामी जी ने ठाकुरजी को गर्मी से बचाने और उन्हें उष्णता की मार से सुरक्षित रखने हेतु यह शुरुआत की थी। इस समय में विभिन्न प्रकार के फूलों और पत्तियों का एक अनूठा संयोजन, भगवान की भाव सेवा में लगाया जाता है और यह सिलसिला सदियों से चली आ रही है।

फूल बंगले की सजावट

प्रत्येक दिन, सुबह की पहली किरण के साथ ही फूल बंगला की सज्जा में नई कल्पना को जोड़ा जाता है। हर रोज अलग होने वाले डिजाइन की यह कला, चार घंटे की मुस्तैदी और सूक्ष्म कार्य में साकार होती है। इस दौरान, मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद किए जाते हैं और फूलों की सफाई से लेकर सज्जा के अनेक पहलूओं पर काम होता है। सजाने के उपकरण, जिनमें मालाएं और तोरण शामिल हैं, पहले से ही तैयार की जाती हैं। इस प्रक्रिया में स्थानीय और दूर-दराज के क्षेत्रों से मंगाए गए फूलों का सम्मिश्रण होता है। न केवल वृंदावनवासी बल्कि दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद जैसे महानगरों से भी फूल मंगवाए जाते हैं, जिसमें गेंदा, गुलाब, जूही, चंपा, कमल, केतकी, मोगरा जैसे शीतल और सुगंधित पुष्प शामिल होते हैं।

फूल बंगला सेवा की प्रतीक्षा

फूल बंगला सेवा प्राप्त करने की चाह में प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु वृंदावन के इस मंदिर की ओर अनेक श्रद्धा सुमन लेकर आते हैं। इस भक्ति भावना को अपनी अद्वितीय सेवा प्रदान करने के लिए लोग महीनों पहले से ही बुकिंग करा लेते हैं और अपने नंबर की प्रतीक्षा में निरंतर बने रहते हैं।

आध्यात्मिकता का संगम

इन सबके मध्य यह फूल बंगला न केवल ठाकुरजी की सेवा है बल्कि एक आध्यात्मिक संगम भी है जो विश्व की अगणित आत्माओं को एक सूत्र में पिरोता है। इसकी सजावट, इसकी प्रक्रिया और इसके प्रतीक, सभी कुछ आस्था.