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वैशाख महीना 2024: पवित्र त्योहारों का संगम जानें पूरी व्रत और त्योहारों की सूची

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वैशाख महीने की भक्तिमय शुरुआत

हिंदू पंचांग का दूसरा महीना वैशाख 24 अप्रैल 2024 को आरंभ हो रहा है। यह समय भक्ति और अर्चना का महत्वपूर्ण प्रवाह होता है, जहां विष्णु और लक्ष्मी की पूजा को खासा महत्व दिया जाता है। पंचांग की गणना के अनुसार, इस अवधि में अनेक प्रमुख व्रत और त्योहार संपन्न होते हैं।

इस पावन माह में सीता नवमी, वरुणथिनी एकादशी, अक्षय तृतीया, और बुद्ध जयंती जैसे महत्वपूर्ण दिवस आते हैं। इन त्योहारों का अपना-अपना धार्मिक और सामाजिक महत्व होता है और सभी भक्तजन इन्हें बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं।

वैशाख मास के विशेष व्रत-त्योहारों की चर्चा

वैशाख माह के विशेष दिन जैसे कि विकट संकष्टी चतुर्थी 27 अप्रैल को है, जिसमें गणेश जी की पूजा की जाती है। पंचक 2 मई से शुरू होता है, जिसके दौरान कुछ विशेष कार्य वर्जित होते हैं। वरुथिनी एकादशी, जो 4 मई को है, बहुत ही पुण्यदायक मानी जाती है। इसी दिन वल्लभाचार्य जयंती भी होती है। 10 मई को अक्षय तृतीया है, जो की समृद्धि और शुभ-लाभ का प्रतीक माना जाता है।

इसी प्रकार, विनायक चतुर्थी, शंकराचार्य जयंती, रामानुज जयंती, गंगा सप्तमी, बगलामुखी जयंती और अन्य प्रमुख व्रत-त्योहार भी इसी महीने में पड़ते हैं। इन दिवसों पर विशेष पूजाएं और कर्मकांड किए जाते हैं और धार्मिक भावना से परिपूर्ण वातावरण होता है।

वैशाख मास का आध्यात्मिक महत्व

वैशाख मास ना केवल त्योहारों के लिए, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी खास महीना है। इस महीने में भगवान विष्णु के अवतारों की आराधना की जाती है, जैसे कि नृसिंह, कूर्म और बुद्ध अवतार। वैशाख पूर्णिमा, जो 23 मई को पड़ रही है, बुद्ध पूर्णिमा के रूप में जानी जाती है। इस दिन पीपल की पूजा और विशेष दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

इस लेख में विस्तृत जानकारी हेतु जो तिथियां सजीव हैं, वे धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं पर आधारित हैं और इनका सम्मान करना प्रत्येक भक्त का कर्तव्य है।

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अंत में, वैशाख माह के दौरान धर्म की रक्षा के लिए संकल्पित होकर, सभी व्रत और त्योहारों को उत्साह और समर्पण के साथ मनाने का संकल्प लें। इससे न केवल आपके जीवन में धर्मात्मा का आगमन होगा, बल्कि आपके कुटुंब में श्लोक की उॱ्चाईयों की प्राप्ति भी होगी।