kerala-logo

2024 रवि प्रदोष व्रत: भगवान शिव की आराधना से मनोकामना पूर्ण करने वाला विशेष योग

Table of Contents

रवि प्रदोष व्रत 2024: आराधना का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में आने वाली शुक्ल और कृष्ण पक्ष की पावन त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति समर्पित है। इस दिन, शिव भक्त दिन भर उपवास रखते हैं और संध्या के समय विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

इस वर्ष, चैत्र माह की त्रयोदशी तिथि जो 21 अप्रैल को पड़ रही है, उसे और भी खास बनाया जा रहा है क्योंकि इस बार तिथि रविवार के दिन पड़ रही है, जिसे रवि प्रदोष कहा जाता है। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है, और जब यह प्रदोष व्रत के साथ मिलता है, तो भक्तों को आशीर्वाद की विशेष प्राप्ति होती है।

इस दिन की पूजा का मुहूर्त शाम 6 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 2 मिनट तक है। इस समयावधि में, भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सकते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना कर सकते हैं। मान्यता है कि इस दिन सच्ची श्रद्धा और भक्ति से की जाने वाली पूजा से सभी तरह के कष्ट और परेशानियां दूर होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

शुभ योग का संयोग

रवि प्रदोष व्रत के दिन इस वर्ष बन रहे कुछ विशेष योग भी इस दिन की महिमा को बढ़ा देते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग जो इस दिन बन रहा है, वह भक्तों की सभी प्रकार की सिद्धियों और सफलताओं को प्राप्त करने में सहायक होगा। इसके आलावा, अमृत सिद्धि योग और रवि योग भी इस दिन रहेंगे। इन योगों के दौरान पूजा करने से अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है।

एक और महत्वपूर्ण समय, अभिजीत मुहूर्त भी इसी दिन है जो मध्याह्न में कौलव करण और तैतिल करण के साथ आता है। इस समय में किये गए कार्यों को निष्कंटक सफलता मिलती है।

प्रदोष व्रत का महत्व

शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को प्रदोष काल अत्यंत प्रिय है। इस समय पर विशेष रूप से उनकी पूजा-अर्चना से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बरसती है। यह माना जाता है कि इस व्रत को रखने से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं और उन्हें आरोग्य की प्राप्ति होती है।

हर व्रत और त्यौहार के पीछे कोई न कोई धार्मिक और आस्था की गहराई होती है और प्रदोष व्रत भी इसी प्रकार भक्तों को आत्मिक शांति और परमात्मा के सानिध्य का अहसास कराता है। यह व्रत सांसारिक मोह-माया से परे चिंतन और आत्मसंयम का दिन होता है।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। इसकी सत्यता की पुष्टि का दावा नहीं किया जाता।)