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Mahashivratri 2024: भोलेनाथ संग धन-धान्य की कामना पूरी करेंगे ये 5 अर्पित

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महाशिवरात्रि का पावन पर्व

महाशिवरात्रि, वह पावन दिवस जब भोलेनाथ के भक्त अपनी निष्ठा और श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना में लीन होते हैं। 8 मार्च, 2024 को भारतवर्ष में हर हर महादेव की गूंज सुनाई देगी और शिवालय की पवित्रता में अनगिनत भक्त अपनी आस्था और प्रेम के फूल चढ़ाएंगे। इस दिव्य अवसर पर, पांच विशेष सामग्रियां जो भक्तों द्वारा भगवान शिव को अर्पित की जाती हैं, उनका महत्व अकल्पनीय है।

शिवलिंग पर अर्पित करें ये पांच चीजें

शहद की मिठास से संवारे नियति – भगवान शिव को शहद अत्यधिक प्रिय है। शिवलिंग पर शहद अर्पित कर भक्त उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। यह माना जाता है कि इससे धन-धान्य और संपत्ति का लाभ होता है। जीवन की मिठास बढ़ाने का यह एक दिव्य उपाय है।

शमी का पुष्प से मिलता है आशीष – शमी का फूल, जिसकी शुभता शिव को समर्पित है, व्रत के अंतिम चरण में जब भक्त शिवलिंग पर इसे चढ़ाते हैं, वे मनचाहा वरदान पाने की उम्मीद रखते हैं।

बेलपत्र लाता है आरोग्यता और समृद्धि – बेलपत्र, जिसमें शिव, पार्वती और लक्ष्मी का वास माना जाता है, उसे त्रिपत्री यानी तीन पत्तियों के रूप में, शिवलिंग पर चढ़ाना बहुत शुभ होता है।

धतूरा का अर्पण शीतलता प्रदान करता है – पौराणिक क�कहानियों में उल्लेख है कि धतूरा भगवान शिव को बहुत प्रिय है और उन्हें शीतलता प्रदान करता है। महाशिवरात्रि पर यह अवश्य चढ़ाना चाहिए।

लाल केसर की चमक से भरे जीव�न को रंग – शिवलिंग पर लाल केसर चढ़ाने से जीवन में समृद्धि और सौभाग्य का प्रकाश फैलता है। महाशिवरात्रि के परमानंद की भावना के साथ, इन पवित्र पंच द्रव्यों को अर्पण करना चाहिए।

सावधानी और समर्पण के भाव

एक भक्त के रूप में यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी धार्मिक विधियां और पूजा की सामग्री सही मन्त्रों के साथ, पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ अर्पित की जाएँ। मान्यताएं हैं कि यह कर्म न केवल आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं बल्कि आपके जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध भी करते हैं।

हमारी यह जानकारी सामान्य भावी मान्यताओं पर आध�रित है, और इसकी पुष्टि नहीं की गई है। हर एक विधि और पद्धति का संबंध स्थानीय परंपराओं और व्यक्तिगत आस्थाओं से होता है। किसी भी धार्मिक कृत्य को करने से पहले, आपको उसके बारे में अच्छी तरह जान लेना चाहिए और यथासंभव सही विधि का पालन करते हुए इंसानी करुणा और संवेदनशीलता का बरताव करना चाहिए।

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